NEET मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, कहा – Website पर डालें छात्रों के स्कोर

NEET 2024 SC Hearing:  मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुए NEET-UG परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA को शनिवार दोपहर 12 बजे तक छात्रों के स्कोर ऑफिशियल वेबसाइट पर पब्लिश करने के निर्देश दिए हैं.

परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परीक्षा को फिर से यानी नए सिरे से आयोजित करने के किसी भी आदेश का ठोस निष्कर्ष यह होना चाहिए कि पूरी प्रक्रिया की पवित्रता प्रभावित हुई है। दिन भर चली सुनवाई के दौरान पीठ ने उम्मीदवारों के वकील से परीक्षा आयोजित करने में व्यापक अनियमितताओं के बारे में अपना दावा साबित करने के लिए कहा।

सबसे पहले पटना में ब्रीच हुआ पेपर
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई ऐसे मौके आए जब पटना और हजारीबाग का विशेष जिक्र हुआ. सुनवाई के दौरान सीजीआई ने कहा कि पटना में परीक्षा के पहले पेपर ब्रीच हुआ था, इसमें अब कोई शंका नहीं है. सीजीआई की इस टिप्‍पणी से यह स्‍पष्‍ट होता है कि पटना में परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था. इसी तरह सीजीआई ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि हजारीबाग में कितने केंद्र बनाए गए थे. जिस पर उन्‍होंने सीजीआई को बताया कि कुल पांच सेंटर थे, जिसमें से एक सेंटर ओएसिस स्‍कूल में पेपर लीक हुआ था. सीजीआई का अगला सवाल था कि यहां कुल कितने छात्र हैं? एनटीए की ओर से जवाब मिला- 2736 छात्र. उनमें से कितने प्रवेश योग्यता में आएंगे? इसके बाद सीजीआई ने कहा कि बेशक, हजारीबाग और पटना में ब्रीच हुआ है. हम जानना चाहते हैं कि कितने छात्र क्वालीफाई किया हैं? इसके बाद सीजीआई ने कहा कि पटना में परीक्षा से पहले पेपर ब्रीच हुआ है इसमें अब कोई शंका नहीं है.

परीक्षा से 5 महीने पहले बढ़ाया सिलेबस
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्‌डा ने कहा- “परीक्षा से 5 महीने पहले NTA ने सिलेबस बढ़ाया. इसे ही ग्रेस मार्क्स का आधार बनाया गया. फिर गड़बड़ी छिपाने के लिए दोबारा परीक्षा कराई गई.” इस दौरान CJI ने पूछा- “23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपने सेंटर बदले हैं.” इस पर NTA ने कहा- “फिलहाल सिस्टम से ये डेटा नहीं मिल सकता है.”

साफ है कि पेपर लीक हुआ
हालांकि, आज की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी, इसलिए इसमें कोई शक नहीं है. अदालत ने कहा, “ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है. सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है. 2 छात्रों की गड़बड़ियों की वजह से पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते. दोषियों की पहचान नहीं हुई, तो दोबारा परीक्षा करानी होगी. अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ है, तो जंगल में आग की तरह फैलता है.”

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने NEET विवाद पर पहली सुनवाई 8 जुलाई को की थी. कोर्ट ने NTA, केंद्र सरकार, CBI और रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने के लिए कहा था. इसके लिए 10 जुलाई तक की डेडलाइन दी गई थी. इसके बाद NEET पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई थी. फिर मामले की सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी गई थी.

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