दिल्ली में हिंसा: अब और अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगी पुलिस, कड़े एक्शन के संकेत

नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के दौरान जरूरत से ज्यादा संयम दिखा चुकी पुलिस अब अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगी।
मंगलवार की घटनाओं में कई स्थानों पर पत्थरबाजी के सामने पीछे हटती दिखी पुलिस अब बर्दाश्त नहीं करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अधिकारियों की बैठक के बाद यह संकेत मिले हैं।
बता दें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान उपद्रवियों ने मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों के हमले में 83 पुलिसकर्मी घायल हो गए जिनमें से 26 की हालत गंभीर है। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
उधर, कई किसान संगठनों और नेताओं की पृष्ठभूमि पर पहले ही संदेह जता रही खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर कार्रवाई भी हो सकती है। खुफिया एजेंसी को अब भी हिंसा की आशंका है।
दूसरी ओर हिंसा मामले में पुलिस ने 12 एफआईआर दर्ज की है। इनमें से पांच एफआइआर पूर्वी दिल्ली में दर्ज की गई है। पुलिस सूत्रों ने अब तक 12 एफआइआर दर्ज होने की पुष्टि की है।
अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात
किसी उपद्रव को रोकने के लिए दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
जहां पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा लाल किला पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के बाद पुलिस ने कमर कस ली है। राजधानी में अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं।
इसमें 10 कंपनी सीआरपीएफ जबकि पांच कंपनी सीआइएसएफ व अन्य बलों के जवानों की तैनाती की गई है। इसमें करीब 15 सौ जवान राजधानी में शांति व कानून व्यवस्था बनाएंगे।
