कनाडा-भारत संबंधों में बढ़ता तनाव… जस्टिन ट्रूडो ने फिर दोहराये आरोप
India-Canada Relations: पिछले कुछ समय से कनाडा-भारत के संबंध अपने सबसे ख़राब दौर में हैं। इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के हालिया बयान से दोनों देशों के रिश्तों के बीच तनाव ने नया रूप ले लिया है. ट्रूडो की ओर से लगातार लगाए जा रहे आरोपों के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए सोमवार को उसके 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.
माना जा रहा है कि अक्टूबर, 2025 में कनाडा में होने वाले आम चुनावों में हार के डर से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस तरह के विवादित बयान दे रहे हैं। दरअसल, कनाडा के आम चुनाव में सिख वोट बैंक काफी मायने रखता है। यही वजह है कि वहां की राजनीति में सिखों का दखल काफी बढ़ चुका है। जानते हैं कनाडा में सिखों की अहमियत और ट्रूडो की अकड़ के पीछे क्या राज है?
ट्रूडो ने लगाए आरोप ?
ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले में बोलते हुए कहा, हम यह लड़ाई नहीं चाहते, लेकिन जाहिर है कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या ऐसी चीज नहीं है जिसे हम एक देश के रूप में नजरअंदाज कर सकें.
ट्रूडो ने कहा, “हम भारत के साथ कोई तनावपूर्ण रिश्ते नहीं चाहते हैं. भारत एक लोकतांत्रिक देश है. एक ऐसा देश है, जिसके साथ हमारे गहरे ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध हैं. अगर राजनीती में आप के आसपास अस्थिरता हो तो इसका मतलब है कि लोकतांत्रिक देशों को एक साथ रहना होता है. इसी वजह से खुफिया एजेंसियों के माध्यम से यह कहना शुरू किया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे शायद भारत का हाथ है.”
भारतीय एजेंट पर लगाया आरोप
भारत पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट सीधे तौर पर शामिल थे. जांच एजेंसियों के पास पुख्ता सबूत हैं कि भारतीय एजेंट कनाडा की पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा हैं. कनाडा के अधिकारियों ने सबूत दिए हैं कि 6 भारतीय एजेंट आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. हम कनाडाई धरती पर कनाडाई नागरिकों की हत्या या धमकी में किसी विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, “आज के खुलासे ने इंडो कैनेडियन और सिख समुदाय के लोगों को हिला कर रख दिया है. भारत सरकार ने गलती कर दी है.”
कार्रवाई करना मेरी जिम्मेदारी है
भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “आप में से कई लोग नाराज परेशान और भयभीत हैं, मैं समझता हूं. ऐसा नहीं होना चाहिए. कनाडा-भारत का लोगों के बीच आपसी संबंधों, व्यापार और कारोबार में निहित एक लंबा इतिहास है लेकिन हम अभी जो देख रहे हैं, उसे सहन नहीं कर सकते.
कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगी. प्रधानमंत्री के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उन लोगों को आश्वस्त करूं जो महसूस कर रहे हैं कि सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्रवाई करना मेरी जिम्मेदारी है.”
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