
Hackers का बड़ा कारनामा, भारत सरकार के दस्तावेज किए हैक..
Chinese Hackers: चीन के एक हैकर ग्रुप ने भारत सरकार के दस्तावेजों को हैक करने का दावा किया है। इनमें प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज और एयर इंडिया जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। इंडिया टुडे की Open-Source Intelligence (OSINT) team ने लीक हुए डेटा की समीक्षा की है।

चीन दुनिया का सबसे बड़ा जासूस देश है। कभी वह किसी देश की जासूसी के लिए विशालकाय गुब्बारा उसके आसमान पर भेज देता है तो कभी किसी इलाके में पानी का जहाज भेज कर जासूसी कराता है तो कभी किसी देश में नकली पुलिस स्टेशन बनाकर जासूसी कराता है। यही नहीं, चीन टिकटॉक या उस जैसे अन्य मोबाइल एप्स के जरिये भी जासूसी करता है। चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय (एमपीएस) ने I-Soon नामक कंपनी को साइबर सुरक्षा और जासूसी का काम सौंपा था। इस कंपनी से जुड़े हजारों दस्तावेज़, चित्र और चैट संदेश सप्ताहांत में GitHub पर गुमनाम रूप से पोस्ट किए गए थे। आपको बता दें कि, यह लीक चीन की ओर से गुप्त रूप से की जा रही हैकिंग और स्पाइवेयर के संचालन के लिए दुनियाभर में बनाये गये जटिल नेटवर्क का खुलासा भी करता है।
isoon लीक को ऐसे जाने
इस हैकिंग ग्रुप के दो कर्मचारियों ने एपी को बताया कि iSoon और चीन पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि आखिर ये फाइलें लीक कैसे हुईं। एक कर्मचारी ने बताया कि इस लीक मामले को लेकर 21 फरवरी को iSoon की एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में बताया गया था कि इस घटनाक्रम से बिजनेस पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा और कामकाज सामान्य तरीके से जारी रहेगा। चीन सरकार से जुड़े हुए हैकिंग ग्रुप iSoon ने हाल ही में हजारों दस्तावेज, तस्वीरें और चैट मैसेज गिटहब पर पोस्ट किए।
भारत में जासूसी की घटना
इन कंपनियों के विश्लेषकों के मुताबिक आई-सून के हैकरों ने हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक संगठनों, पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन नाटो और कई विश्वविद्यालयों के खाते हैक किए। लीक हुए दस्तावेज किसी अज्ञात व्यक्ति ने पिछले हफ्ते गिटहब वेबसाइट पर साझा कर दिए थे।
सेंटिनेललैब्स ने कहा, “लीक हुए दस्तावेज चीन की साइबर-जासूसी व्यवस्था के बारे में अब तक की सबसे ठोस जानकारियां उपलब्ध कराते हैं और दिखाते हैं कि कैसे यह पूरी व्यवस्था और मजबूत होती जा रही है।”
जो दस्तावेज लीक किए गए हैं उनमें लोगों के बीच की आपसी चैट, कंपनी की प्रेजेंटेशन और शिकार किए जाने वालों की सूचियां शामिल हैं। मालवेयरबाइट्स ने कहा कि आई-सून ने भारत, थाईलैंड, वियतनाम और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों की सरकारों की जासूसी की थी।
EPFO, BSNL भी हैं टार्गेट
“भारत में, मेन टार्गेट विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित विभाग हैं। हम इस क्षेत्र को गहराई से ट्रैक करना जारी रखे हैं और लंबी अवधि में इसके मूल्य का दोहन कर सकते हैं, ”iSoon द्वारा तैयार की गई एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुवादित भारत अनुभाग में लिखा है। राज्य द्वारा संचालित पेंशन फंड मैनेजर, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), राज्य दूरसंचार ऑपरेटर भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), और निजी स्वास्थ्य सेवा श्रृंखला अपोलो हॉस्पिटल्स के यूजर्स डेटा में भी कथित तौर पर सेंध लगाई गई थी। एयर इंडिया का चोरी हुआ डेटा यात्रियों द्वारा डेली चेक-इन के विवरण से संबंधित है।
इमिग्रेशन डिटेल्स भी हुईं है लीक
ताइवान के शोधकर्ता अज़ाका, जो सबसे पहले GitHub लीक मामले को सामने लेकर आए हैं, उन्होंने आज भारत को बताया कि, “भारत हमेशा से चीनी एपीटी पक्ष का एक बड़ा केंद्र बिंदु रहा है. चुराए गए डेटा में स्वाभाविक रूप से भारत के कुछ संगठन शामिल हैं, जिनमें अपोलो हॉस्पिटल, 2020 में देश के अंदर और बाहर आने वाले लोग, प्रधान मंत्री कार्यालय और जनसंख्या रिकॉर्ड शामिल हैं।’
गूगल क्लाउड के स्वामित्व वाली मैंडिएंट इंटेलिजेंस के मुख्य विश्लेषक जॉन हल्टक्विस्ट को वाशिंगटन पोस्ट ने यह कहते हुए कोट किया है कि, ऑनलाइन डंप “चीन से बाहर वैश्विक और घरेलू साइबर जासूसी अभियानों का समर्थन करने वाले एक कॉन्ट्रैक्टर का प्रामाणिक डेटा था”। उन्होंने कहा, “हमें किसी भी ख़ुफ़िया ऑपरेशन की इंटरनल कार्यप्रणाली तक इतनी निर्बाध पहुंच शायद ही कभी मिलती है।” खास तौर पर तब से जब 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव देखा गया था।
दोस्त हो या दुश्मन सब चीन के निशाने पर
कुल मिलाकर दोस्त से लेकर दुश्मन तक हर कोई चीन के निशाने पर है भारत के अलावा, बीजिंग ने कथित तौर पर अपने खास दोस्त पाकिस्तान पर भी निशाना साधा है। अन्य स्पष्ट टार्गेट्स में नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, फ्रांस, थाईलैंड, कजाकिस्तान, तुर्किये, कंबोडिया और फिलीपींस शामिल हैं। लीक हुए डेटासेट के अनुसार, मई 2021 और जनवरी 2022 के बीच चीनी हैकर समूह द्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में “आतंकवाद विरोधी केंद्र” से 1.43GB डाक सर्विस डेटा प्राप्त किया गया था। दस्तावेज़ यह भी संकेत देते हैं कि चीनी सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय और दूरसंचार कंपनी ज़ोंग पर जासूसी की मंजूरी दे दी थी।
चीन का साइबर हमला नया नहीं
यह पहली बार नहीं है जब चीन भारत में साइबर हमलों के लिए सुर्खियों में आया है। 2022 में, चीन से जुड़े हैकर्स ने कथित तौर पर सात भारतीय पावर हब को निशाना बनाया। धमकी देने वाले थ्रेट एक्टर्स ने 2021 में भी भारत के बिजली बुनियादी ढांचे में प्रवेश करने का प्रयास किया था।
अमेरिकी जांच एजेंसी एफ़बीआई के मुताबिक चीन के पास किसी भी अन्य देश से बड़ा हैकिंग प्रोग्राम है। हालांकि चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका को अपने साइबर जासूसी के इतिहास में झांकना चाहिए।