ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन पर चर्चा, भारत ने लगाई फटकार तो बताया घरेलू मामला

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लंदन। केन्द्रीय कृषि कानूनों को लेकर भारत में जारी किसान आंदोलन पर सोमवार को ब्रिटेन की संसद में हुई चर्चा पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। एक पिटीशन पर लाखों लोगों के हस्ताक्षर होने से किसान आंदोलन का मुद्दा ब्रिटिश संसद में उठाया गया।

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भारत में तीन कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर एक ‘ई-याचिका’ पर कुछ सांसदों के बीच हुई चर्चा की निंदा की है।

गलत तथ्यों के आधार पर की गई बहस : भारत 

भारतीय उच्चायोग ने सोमवार शाम ब्रिटेन के संसद परिसर में हुई चर्चा की निंदा करते हुए कहा कि इस एक तरफा चर्चा में झूठे दावे किए गए हैं।

उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि बेहद अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाय बिना किसी ठोस आधार के झूठे दावे किए गए। इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक और उसके संस्थानों पर सवाल खड़े किए हैं।

संसद को इसलिए करनी पड़ी बहस 

ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर किसान आंदोलन पर चर्चा के लिए एक पिटीशन डाली गई थी, जिस पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

यही कारण रहा कि ब्रिटिश संसद को इस मसले पर बहस करनी पड़ी। ब्रिटेन की सरकार पहले ही तीनों नए कृषि कानूनों के मुद्दे को भारत का घरेलू मामला बता चुकी है।

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