ईरान और इजरायल युद्ध में भारत को हो सकता भारी नुकसान…इन चीजों पर पड़ेगा असर
Israel-Iran War: युद्ध ईरान और इजरायल वाले लड़ रहे हैं, मगर इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. मनाइए कि किसी तरह यह युद्ध टल जाए, वरना इसका नुकसान भारत और आम लोगों को भी उठाना पड़ सकता है.
ईरान और इजरायल एक दूसरे को को ख़त्म करने पैर आमदा हैं। ईरान ने इजरायल के साथ जंग में पीछे न हटने का एलान कर दिया है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इजरायल पर फिर से हमला किया जाएगा। इजरायल की ओर से बमबारी हो रही है तो ईरान बदला लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. भले ही ईरान और इजरायल आपस में लड़ रहे हो, लेकिन इसका नुकसान भारत समेत दुनियाभर के देशों को होने वाला है.
भारत पर ये हो सकता है युद्ध का असर
इजरायल और ईरान के बीच खत्म न होती ये युद्ध भारत को भी अपने चपेट में ले सकती है. इस युद्ध से भारत को हजारों करोड़ का नुकसान हो सकता है. सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि आम लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है. इजरायल ईरान के बीच युद्ध के चलते भारत में कई चीजों की सप्लाई बाधित हो सकती है, जिसका असर कीमतों पर पड़ेगा, यानी देश में उन सामानों की उपलब्धता और उसकी कीमत पर असर पड़ सकता है. इस युद्ध के चलते सनफ्लावर ऑयल, क्रूड ऑयल, सोने समेत उन चीजों की कीमतें बढ़ सकती है, जिसका आयात इजरायल या ईरान से होती है.
पड़ेगी महंगाई की मार
मिडिल ईस्ट में युद्ध की वजह से कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलने लगी है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.22 फीसदी बढ़कर 72.14 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी का मतलब है सीधा आपकी जेब पर असर. चूंकि भारत कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर है और आयात में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रूस की है, इसके अलावा इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से तेल खरीदता है. युद्ध की वजह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का मतलब है सब्जी, दाल, फल-फूल की कीमतों में बढ़ोतरी यानी आपके रसोई के बजट पर असर।
सनफ्लावर ऑयल की हो सकती है किल्लत
हाल में ही सरकार ने बासमती चावल के निर्यात से MEP खत्म किया है, जिसके बाद भारत को ईरान से बंपर एक्सपोर्ट की उम्मीद थी. भारत, ईरान से सनफ्लावर ऑयल का आयात करता है, ऐसे में सनफ्लावर ऑयल भारत में महंगा हो सकता है. इस तरह बासमती चावल और चाय के व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.
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