
Kailash Manasarovar Yatra के लिए अनलाइन आवेदन, विदेश मंत्रालय ने दिया अपडेट
Kailash Manasarovar Yatra : विदेश मंत्रालय ने शनिवार को ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025’ की औपचारिक घोषणा कर दी। यात्रा जून से अगस्त 2025 के दौरान आयोजित की जाएगी।
Kailash Manasarovar Yatra : पांच साल के अंतराल के बाद भारत ने शनिवार को जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने की घोषणा की। कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है। भगवान शिव के निवास के रूप में हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के नाते, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है।
ऑनलाइन हो रहे आवेदन
विदेश मंत्रालय के मुताबिक kmy.gov.in वेबसाइट पर आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। वर्ष 2015 से, ऑनलाइन आवेदन से लेकर यात्रियों के चयन तक की प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है। इस वर्ष, 5 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री) उत्तराखंड राज्य से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए और 10 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री) सिक्किम राज्य से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे।
यात्रा 30 जून से शुरू होगी
कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी। यात्रा का संचालन प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड महामारी के कारण वर्ष 2020 से संचालित नहीं हो पाई थी। हालांकि, पांच साल बाद शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी महंगाई की मार पड़ेगी।
निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से यात्रियों का चयन
विदेश मंत्रालय की ओर से एक निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से यात्रियों का चयन किया जाएगा और उनको विभिन्न मार्ग एवं बैच आबंटित किए जाएंगे। कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया के जरिए यात्रियों को एक बार मिले मार्ग और बैच में आम तौर पर बदलाव नहीं होगा। हालांकि अगर जरूरी हो तो चयनित यात्री बैच में परिवर्तन के लिए अनुरोध कर सकते हैं। यह परिवर्तन खाली स्थान उपलब्ध होने पर ही किया जा सकेगा। इस मामले में मंत्रालय का निर्णय ही अंतिम होगा।
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से चलेगी, जो इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। हमले के बावजूद गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि कश्मीर में पर्यटन जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी कश्मीर को उसके विकास पथ से नहीं हटा सकता।