India-Maldives: लक्षद्वीप का संकल्प, मालदीव का विकल्प, नए एयरपोर्ट से टूरिज्म के साथ सुरक्षा भी
India-Maldives Tensions: भारत से बैर लेकर मालदीव ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. मोदी सरकार ने अब लक्षद्वीप को दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए मास्टर प्लान बना लिया है. लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप हैं, जिसमें से अगत्ती ही एकमात्र ऐसा द्वीप है, जहां एयरफील्ड मौजूद है.
भारत और मालदीव के बीच चल रही टेंशन के बीच नई दिल्ली ने एक और झटका देने की तैयारी कर ली है. लक्षद्वीप को मालदीव का विकल्प बनाने के लिए भारत केंद्रशासित प्रदेश में एक नया एयरपोर्ट तैयार करने का प्लान बना रहा है. इस नए एयरपोर्ट को लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर बनाया जाएगा. एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि यहां से न सिर्फ सिविलियन, बल्कि मिलिट्री एयरक्राफ्ट भी ऑपरेट किए जा सकेंगे.
समाचार एजेंसी ANI ने सरकार के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा, ‘प्लान के तहत यहां ज्वाइंट एयरफील्ड बनाने की तैयारी है, जो फाइटर जेट्स, मिलिट्री ट्रांसपोर्ट और कमर्शियल एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करने के काबिल हो.’ सूत्रों ने आगे बताया कि मिनिकॉय द्वीप पर नए एयरफील्ड को बनाने का प्रस्ताव पहले भी दिया जा चुका है. मगर नए प्लान के तहत डिफेंस और सिविलियन दोनों कामों के लिए ज्वाइंट एयरफील्ड बनाने का प्रस्ताव पहली बार दिया गया है.
एयरपोर्ट बनने से मिलेंगे दो फायदे
सरकार के इस फैसले का मकसद लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देना तो है ही, साथ ही साथ वह यहां से अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सर्विलांस क्षमताओं को मजबूत भी करना चाहती है. नए एयरफील्ड से भारत को एक तीर से दो निशाना लगाने का मौका मिलने वाला है. लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर नए एयरफील्ड को तैयार करने का पहला प्रस्ताव इंडियन कोस्ट गार्ड ने दिया था.
मौजूदा प्रस्ताव इस बात की ओर इशारा करता है कि भारतीय वायुसेना एयरफील्ड से ऑपरेट करना चाहती है. एक बार ऑपरेशनल होने के बाद एयरपोर्ट से डिफेंस फोर्सेज की सर्विलांस क्षमता के साथ-साथ स्थानीय पर्यटन उद्योग की आय भी बढ़ जाएगी. सरकार ने पहले ही लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने का प्लान बनाया है. वर्तमान में लक्षद्वीप के अगत्ती में सिर्फ एक एयरस्ट्रीप है, जहां कई तरह के विमान लैंड नहीं कर सकते हैं.
भारत-मालदीव में बढ़ा टेंशन
मालदीव के तीन डिप्टी मंत्रियों- मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला माहजूम माजिद- के जरिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की वजह से भारत संग उसके रिश्ते काफी खराब हो गए हैं. तीनों मंत्रियों ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर मजाक उड़ाया, जिसके बाद उन्हें मालदीव की सरकार ने सस्पेंड कर दिया. मालदीव के विपक्षी नेताओं ने भी सरकार के मंत्रियों की टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की है.
खत्म होगी मालदीव की बादशाहत
खूबसूरती की बात हो या फिर Beach और पर्यटकों के लिए सुविधाओं की. दरअसल, भारत सरकार का मानना था कि लक्षद्वीप को अगर पूरी तरह पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया गया, तो इससे यहां का Eco System गड़बड़ा जायेगा. लेकिन मालदीव ने इसका गलत मतलब निकाल लिया.
मालदीव को लगा कि भारतीय पर्यटक उसके यहां इसलिए घूमने आते हैं. क्योंकि भारतीयों के पास कोई विकल्प नहीं है. जबकि लक्षद्वीप पर छोटे-बड़े कुल 35 द्वीप हैं. इनमें से 10 द्वीप पर ही लोग बसते हैं. इस समय 3 द्वीप पर Tourism की इजाजत है. इन 3 द्वीपों में अगत्ती, कदमत और बंगाराम शामिल हैं.
अब मालदीव Versus लक्षद्वीप हो गया है. क्योंकि, लक्षद्वीप की जो खूबसूरत तस्वीरें और Video सामने आए हैं. उन्हें देखकर लोग कहने लगे हैं कि लक्षद्वीप तो मालदीव से भी खूबसूरत है. इसलिए बहुत जल्द भारतीय और विदेशी Tourist के लिए मालदीव का विकल्प लक्षद्वीप बनेगा. ऐसा होने से मालदीव की बादशाहत खत्म होगी और उसके Tourism Sector को तगड़ा झटका लगेगा.