आतंरिक मामलों पर हस्तक्षेप न करे भारत… यूनुस ने यूरोप से मांगी मदद
Europe Visa Centre: बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट होने के बाद से भारत के साथ संबंधों में दरार पड़ गई है. हालिया घटनाओं के बाद से बांग्लादेश खुलकर भारत का विरोध कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें.
बता दें कि भारत ने मोहम्मद यूनुस की सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से हिंदुओं पर हो रहे लगातार हमले और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने पर बार-बार चिंता व्यक्त की है। इसपर बांग्लादेश ने साफ कहा है कि उनके आंतरिक मामलों में कोई देश हस्तक्षेप ना करे।
बांग्लादेश ने अपने बयान में क्या कहा
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को बराबरी के आधार पर सुलझाया जा सकता है बयान में यह भी कहा गया कि विदेश सचिव जशीम उद्दीन ने पिछले दिनों ‘अगरतला में बांग्लादेश उप उच्चायोग परिसर में हुई तोड़-फोड़ पर बांग्लादेश की चिंता’ से भारत को अवगत कराया.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मसले पर बयान में इस बात को दोहराया गया है कि ‘बांग्लादेश सरकार धर्म और नस्ल से परे सभी बांग्लादेशी जनता की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध’ है और यह ‘बांग्लादेश का आंतरिक’ मामला है. साथ ही उन्होंने बांग्लादेश ने गंगा जल साझेदारी संधि, 1996 के नवीनीकरण, तीस्ता और अन्य नदियों के संबंध में जल संधि पर जल्दी निर्णय लेने की बात कही और बांग्लादेशी सामानों पर लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंधों को हटाने की अपील की. यही नहीं बांग्लादेश ने भारतीय वीज़ा सेवाओं को जल्द सामान्य किए जाने पर भी ज़ोर दिया
यूनुस ने यूरोप से मांगी मदद
यूनुस ने बांग्लादेश के बारे में “व्यापक गलत सूचना” पर भी बात की और इसका मुकाबला करने के लिए यूरोपीय संघ से मदद मांगी. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर “देश को अस्थिर करने के लिए बड़ी मात्रा में धन शोधन” का भी आरोप लगाया. यूनुस ने बांग्लादेश में सभी राजनीतिक दलों और धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का भी दावा किया.
भारत ने बांग्लादेश के सामने रखी अपनी बात
बांग्लादेश के इस बयान पर भारत के विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि भारत की इच्छा बांग्लादेश के साथ “सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद” संबंध बनाने की है। मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज की चर्चाओं ने हम दोनों को अपने संबंधों का आकलन करने का मौका दिया है। मैंने अपनी चिंताओं से अवगत कराया, जिनमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताएं भी शामिल थीं। हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की।’’
हाल ही में प्रभावित हुए दोनों देशों के संबंध
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हाल के महीनों में हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। ये घटनाएं तब शुरू हुईं जब शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हुआ। इन घटनाओं ने न केवल बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए संकट पैदा किया है, बल्कि भारत के साथ उनके संबंधों को भी प्रभावित किया है।
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