
Samudrayaan:‘मत्स्य 6000′,भारत का पहला मानवयुक्त प्रोजेक्ट
ब्लू इकोनॉमी : ‘मत्स्य 6000’ नामक ये पनडुब्बी बनकर तैयार है। मानवयुक्त सबमर्सिबल वाहन से गहरे समुद्र के उन हिस्सों तक सीधे पहुंच पाएंगे, जहां अभी तक कोई खोज नहीं कर पाए हैं| इससे आगे गहरे समुद्र में मैन रेटेड वाहन विकास की क्षमता भी बढ़ेगी|

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है| इस लक्ष्य को हासिल करने में ब्लू इकोनॉमी की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है| इसे ध्यान में रखकर भारत सरकार डीप ओशन मिशन के तहत समंदर के भीतर 6,000 मीटर की गहराई तक जाकर खोज करने के मुहिम में जुटी है| इसके लिए मिशन समुद्रयान परियोजना के तहत ऐसे वाहन को तैयार किया जा रहा है, जो अपने साथ मानव को भी इतनी गहराई तक ले जाने में सक्षम हो|
ब्लू इकोनॉमी- भारत का पहला मानवयुक्त प्रोजेक्ट है समुद्रयान जो 6000 मीटर की गहराई में तीन भारतीयों को लेकर जाएगी| अमेरिका और चीन जैसे विकसित देश गहरे समुद्र की दुनिया को नई अर्थव्यवस्था बना रहे हैं। अब भारत भी इसी राह पर अग्रसर है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि भारत अपने पहले महासागर मिशन समुद्रयान के तहत मानवयुक्त पनडुब्बी को गहरे समुद्र में भेजने जा रहा है। इसके पहले चरण के परीक्षण मार्च 2024 तक पूरे हो जाएंगे। 2026 तक ये तीन भारतीयों को महासागर में 6000 मी. की गहराई में ले जाएगी। पांच साल के इस मिशन की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
भारत के ब्लू इकोनॉमी को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं| इनमें कई तटीय इलाकों में बंदरगाहों, एयरपोर्ट और अन्य बुनियादी ढांचे की कमी से जुड़ा पहलू शामिल हैं| इनके अभाव में इन इलाकों में आर्थिक गतिविधियों का विकास और विस्तार करना मुश्किल हो जाता है| इसके साथ ही ओवरफिशिंग और समुद्री प्रदूषण से जुड़ी चुनौतियां भी हैं| साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे जैसे समुद्री स्तर का बढ़ना भी ऐसा पहलू है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है| इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन का आक्रामक और विस्तारवादी रुख भी भारत के ब्लू इकोनॉमी के लिहाज से खतरनाक है| इस चुनौती से निपटने पर भी फोकस करते रहना होगा| देश के ज्यादातर तेल और गैस की आपूर्ति समुद्र के जरिए ही की जाती है| इस वजह से हिंद महासागर क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है|

अगले कुछ वर्षों में देश की ब्लू इकोनॉमी में काफी वृद्धि होने की संभावना है| डीप ओशन मिशन के तहत समुद्रयान परियोजना के जरिए अब वो दिन जल्द आने वाला है जब भारत समुद्र की गहराइयों में छिपे खनिजों के बारे में खुद पता लगा सकेगा|