ट्रम्प के फैसले से ‘खतरे में मासूमों की जान’…जबरन C-सेक्शन करवा रहीं भारतीय मांएं
US Birthright Citizenship: जन्म के आधार पर नागरिकता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से दुनिया भर में तहलका मचा हुआ है. क्योंकि ट्रंप की घोषणाओं का असर दुनिया के कई देशों और उनके नागरिकों पर होगा. इसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं.
अभी तक अमेरिका के कानून के मुताबिक वहां जन्म लेने वाला हर शख्स अमेरिकी नागरिक होता था, यानी कि उसे जन्मजात अमेरिकी नागरिकता मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ट्रंप ने Birthright citizenship के अधिकार को बदलने के आदेश पर दस्तखत भी कर दिए हैं।
अब इन बच्चों को नहीं मिलेगा US की नागरिकता
नवनियुक्त अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले ने गर्भवती महिलाओं को चिंता में डाल दिया है। खबर है कि अब अस्पतालों में ऐसी महिलाएं दस्तक दे रही हैं, जो समय से पहले ही यानी 20 फरवरी से पहले डिलीवरी कराना चाहती हैं। बता दें कि 30 दिन बाद अमेरिका में जन्मे बच्चों की नागरिकता को लेकर नया नियम लागू हो जाएगा और अमेरिकी प्रशासन नई शर्तों के साथ ही ऐसे बच्चों को नागरिकता देगा, जिनको पूरा कर पाना गैर अमेरिकी नागरिकों के लिए बहुत मुश्किल साबित होगा. इससे अमेरिका में रहे रहे भारतीय समेत दुनिया भर के अप्रवासियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है.
भारतीयों को है भविष्य की चिंता
चूंकि एच1बी वीजा होल्डर्स में 70 फीसदी से ज्यादा भारतीय हैं और ट्रंप एच1बी वीजा को लेकर भी नियम सख्त करने जा रहे हैं, ऐसे में भारतीयों के पास भविष्य में अमेरिका में रहने के लिए बच्चा पैदा करने के सिवाय कोई और चारा ही नहीं बचा है. ऐसे में वो कपल खासी चिंता में हैं जो अगले 2 से 4 महीनों में अभिभावक बनेंगे क्योंकि उनका ना तो अमेरिका में रहने मिलेगा और यहां से जाकर वे बच्चे की नई जिम्मेदारी के साथ कैसे और कहां अपना जीवन गुजारेंगे
अमेरिका में रहने का यही तरीका
मां और बच्चे के लिए जोखिम के बावजूद, कई लोगों को लगता है कि स्थिरता पाने के लिए और अमेरिका में रहने के लिए उनके पास यही एक मौका है. खासकरके ऐसे लोग जो लंबे समय से ग्रीन कार्ड पाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. नीति में बदलाव का अवैध अप्रवासियों और एच-1बी वीजा धारकों दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
समय से पहले ही करवा रही हैं डिलेवरी
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार न्यूजर्सी के हॉस्पिटल में भारतीय मांएं गर्भावस्था के 7वें, 8वें और 9वें महीने में हैं वे सभी 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन करवाने के लिए कह रही हैं, जबकि उनकी डिलीवरी की तारीख में अभी कुछ महीनों का समय है. लेकिन 20 फरवरी के बाद जन्मे बच्चों को ऑटोमेटिक अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी, इस डर से अभिभावक बनने जा रहे पैरेंट्स भारी चिंता में हैं और हताशा महसूस कर रहे हैं.
ढेरों बीमारियों के साथ जन्मेंगे बच्चे
टेक्सास में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ एस जी मुक्कला ने बताया, “पिछले 2 दिनों में मैंने ऐसे 15 से 20 कपल्स से इस संबंध में बात की है. साथ ही मैंने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि भले ही सी-सेक्शन करना संभव है लेकिन समय से पहले बच्चे का जन्म मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद रिस्की है. ऐसे प्री-मैच्योर बच्चे अविकसित फेफड़े, भोजन संबंधी समस्याएं, जन्म के समय कम वजन, तंत्रिका संबंधी जटिलताएं समेत कई शारीरिक समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.
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