बेबी केयर हॉस्पिटल अग्नि कांड में बड़ी अपडेट, लाइसेंस खत्म था…एनओसी भी नहीं?
Delhi Hospital Fire Accident: राजधानी दिल्ली के विवेक विहार में बीते शनिवार की रात बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल में लगी आग को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
राजधानी दिल्ली (Delhi) के विवेक विहार में बेबी केयर हॉस्पिटल (Baby Care Hospital) अग्नि कांड में कार्रवाई का सिलसिला जारी है। विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल के मालिक ने कई नियमों को तोड़ा था। लाइसेंस की अवधि खत्म हो चुकी थी। अस्पताल के पास एनओसी नहीं थी। अग्निकांड में में झुलसकर सात मासूमों की मौत हो गई। हादसे के समय अस्पताल में कुल 12 नवजात भर्ती थे।
जानकारी के मुताबिक आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल स्टाफ व पब्लिक ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकाला। विवेक विहार सी-54 में बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल के नाम से छोटा सा अस्पताल है। हादसे के समय अस्पताल में कुल 12 नवजात शिशु भर्ती थे।
अस्पताल के पास नहीं थी एनओसी
अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि सबसे अधिक संभावना है कि अस्पताल के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। हालांकि, पुलिस ने अस्पताल के मालिक नवीन कीची को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ धारा 336 और 304 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। छानबीन के दौरान पुलिस को अस्पताल परिसर से आग बुझाने वाला एक भी सिलिंडर नहीं मिला। शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि जांच के दौरान टीम ने जब अस्पताल के लाइसेंस की पड़ताल की तो उसकी अवधि समाप्त मिली। इसके अलावा दिल्ली सरकार के डीजीएचएस विभाग की ओर से अस्पताल को महज पांच बेड का अस्पताल चलाने की अनुमति थी। उसका उल्लंघन कर 12 बेड का अस्पताल चलाया जा रहा था।
FIR में सामने आए फैक्ट्स
FIR में सामने आया है कि, मौके पर 5 ऑक्सीजन सिलेंडर फटे हुए बरामद हुए थे. 27 ऑक्सीजन सिलेंडर बिल्डिंग के अंदर और बाहर पड़े मिले थे .बेबी केयर के मालिक नवीन खींची और उसके साथियों ने अस्पताल की सुरक्षा का उचित प्रबंध न करके नवजात शिशुओं की जान को खतरे में डालकर अपराध किया है। इसके अलावा किसी हादसे के समय इमारत से निकलने के लिए कोई इमरजेंसी एक्जिट भी नहीं बनाया गया। दूसरी ओर बच्चों के अस्पताल के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत होती है, लेकिन बावजूद डॉ. नवीन ने आयुर्वेदिक डॉक्टर आकाश को रखा हुआ था।
पुलिस के मुताबिक विभाग ने पहले सात दमकल गाड़ियां भेजीं और बाद में पांच और गाड़ियां घटनास्थल पर भेजीं। उन्होंने बताया कि आग सबसे पहले अस्पताल में लगी, इसलिए आसपास के इलाकों से लोग पहले ही चले गए थे। यह एक बहुत ही कठिन ऑपरेशन था। दो टीमों का गठन करके एक टीम ने आग बुझाने का काम शुरू किया, क्योंकि सिलिंडरों में विस्फोट हो रहा था। उन्होंने कहा कि इसलिए दमकल पुलिस को अपने आप को भी बचाना था। टीम ने शिशुओं के लिए भी बचाव अभियान शुरू किया।
बता दें कि डॉ. नवीन अपनी पत्नी डॉक्टर जागृति के साथ मिलकर विवेक विहार, पंजाबी बाग, फरीदाबाद और गुरुग्राम में बेबी केयर न्यू बॉर्न नाम से अस्पताल चलाते हैं। फिलहाल दमकल विभाग, क्राइम टीम, एफएसएल समेत बाकी जांच एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आग की वजह लग रही है।