
Jaat Review: ‘जाट’ का हाई वोल्टेज एक्शन; गदर 2 के बाद Sunny Deol की अगली ब्लॉकबस्टर
Jaat Movie Review: बॉलीवुड सुपरस्टार सनी देओल, रणदीप हुड्डा की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘जाट’ सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है. फिल्म का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है.फिल्म कैसी है जानते है इसका रिव्यु?
Jaat Movie Review: गदर 2 के डेढ़ साल बाद सनी देओल फिल्म जाट के साथ थिएटर में लौट आए हैं…फिल्में किस तरह से चुननी चाहिए? ये सनी देओल अच्छे से सीख चुके हैं. जाट में 67 साल की उम्र के सनी देओल की दहाड़ अब नॉर्थ से लेकर साउथ तक गूंजेगी. क्योंकि ये फिल्म हर मामले में गदर 2 से भी बेहतर है.
फिल्म की कहानी
कहानी की शुरुआत होती है साल 2009 से. श्रीलंका में मजदूरी कर रहे दो मज़दूर भाइयों राणातुंगा (रणदीप हुड्डा) और सोमलू (विनीत कुमार सिंह ) को ज़मीन की खुदाई करते वक़्त सोने के ईटों से भरा एक बक्सा मिलता है. इस बक्से को लेकर दोनों श्रीलंका छोड़ भारत के आंध्र प्रदेश आ जाते हैं. अब ये गुंडा एक इडली और सॉरी के चक्कर में कैसे एक जाट से टकराता है, ये जानने के लिए आपको थिएटर में जाकर जाट देखनी होगी.
कैसी है फिल्म?
एक्शन फिल्मों के फैन्स के लिए सनी देओल की जाट एक बेहतरीन सिनेमैटिक तोहफा है.ये शुरुआत से लेकर अंत तक हमें कनेक्ट करके रखती है. इस फिल्म में न तो रोमांस है, न ही कोई लव स्टोरी है, न ही रोमांटिक गाने, लेकिन फिल्म देखते हुए हमें ये बिल्कुल भी याद नहीं रहता और इस बात का श्रेय देना पड़ेगा फिल्म के निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी को, वो इस फिल्म को जिस तेजी से आगे बढ़ाते हैं, हमें सोचने का मोका नहीं मिलता.
फिल्म का निर्देशन और लेखन
निर्देशन के साथ जाट की कहानी, स्क्रीनप्ले दोनों पर गोपीचंद मलिनेनी ने काम किया है. ये फिल्म उनके लिए भी ख़ुद को साबित करने का सुनहरा मौका था और उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया है. गोपीचंद ने अपनी फिल्म में खूब वायलेंस दिखाया है, लेकिन ये वायलेंस एनिमल या दसरा जैसा हिंसा का महिमामंडन करने वाला नहीं है, बल्कि गोपीचंद इस हिंसा का एक सॉलिड कारण देते हैं. जब सेकेंड हाफ में फिल्म थोड़ी प्रेडिक्टेबल लगने लगती है, तब फिल्म के निर्देशक कहानी में और एक ट्विस्ट लेकर आते हैं और फिर एक बार ये कहानी हमें दिलचस्प लगने लगती है.
फिल्म में एक्टिंग
सनी देओल फिर एक बार अपनी एक्टिंग से दिल जीत लेते हैं. सनी देओल का एक्शन शानदार है. पिछले हफ्ते सलमान खान की फिल्म सिकंदर रिलीज़ हुई थी. सलमान खान और सनी देओल दोनों ने फिल्म में एक्शन सीन परफॉर्म किए हैं, दोनों की मूवमेंट ज्यादा नहीं है. लेकिन सनी देओल का एक्शन कमाल लगता है और सलमान का जबरदस्ती वाला. एआर मुरुगादॉस जैसा निर्देशक जो कर नहीं पाया वो गोपीचंद ने कर दिखाया है.
रणदीप हुड्डा और विनीत सिंह का नाम ही काफी है. इस फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर को पूरे मार्क्स देने होंगे. सभी ऐक्टर्स ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. सबका काम अच्छा है.
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