Jagdeep Dhakhar: चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हुई देरी, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जताई नाराजगी

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा बहुत देरी से की गई? उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि एक अवसर था, पहले की सरकारों को पुरस्कार देना चाहिए था। सरकार के इस कदम से भारत रत्न का सम्मान बढ़ा है। इसके लिए सरकार और प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहिए।

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी निरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया. इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी पूर्व सरकार पर नाराजगी जताई कि उन्हें भारत रत्न पहले क्यों नहीं दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान की बीजेपी सरकार के इस फैसली की सराहना भी की.

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि, भारत के इन पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का पता चला तो मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ. उन्होंने कहा कि इन पांचों को देश और दुनिया भलीभांति जानती है. चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन किसान और गांव को समर्पित था. वे ईमानदारी के प्रतीक थे. वे किसानों के लिए समर्पित थे.

उनका समर्पण उनकी पहचान है: उपराष्ट्रपति धनखड़
उन्होंने कहा कि मैं चौधरी चरण सिंह से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल सका, लेकिन 1977 में जब वे राजस्थान आए, तो मैं जयपुर से श्रीगंगानगर गया और उनका आशीर्वाद लिया। वे किसानों के प्रति समर्पित थे और उनके सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी। उनका किसानों के प्रति लगाव था। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे। लोग उनकी सादगी, उनकी ईमानदारी, गरीब, किसान के प्रति उनका समर्पण उनकी पहचान है. उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा कोई व्यक्ति नहीं आ सकता था जिनके अंदर ये गुण न हों.

चौधरी साहब का सम्मान करना प्रशंसा का विषय
उन्होंने कहा कि वे किसानों से कहा करते थे- किसान अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ-साथ भारत की राजनीति की रीढ़ भी हैं। आज मुझे खुशी है। किसानों के बच्चे रोजगार के मामले में बहुत आगे हैं, गांवों में कितना बदलाव आया है। एक तरह से चौधरी साहब के सपने आज साकार हो रहे हैं। इतनी बड़ी शख्सियत का इतना बड़ा सम्मान, वह भी ऐसे दौर में जब भारत अपने अमृत काल में है। ऐसे लोगों का सम्मान करना हम सभी के लिए प्रशंसा का विषय है।

देर से भारत रत्न देने पर जताई नाराजगी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, कर्पूरी ठाकुर, एलके आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, एमएस स्वामीनाथन को पहले ही भारत देने चाहिए थे. उनको सम्मानित करने से भारत रत्न का वजन बढ़ा है. उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने नैतिकता को सर्वोपरि रखा. बेईमानी की बात तो उनके सामने कोई करने की सोच ही नहीं सकता था. ऐसे व्यक्ति को जब इतनी देरी से सम्मान दिया जाता है तो थोड़ी पीढ़ा होती है.

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