विरोधियों का सिर काट देंगे- पार्टी के शताब्दी समारोह पर बोले राष्ट्रपति शी जिनपिंग

बीजिंग। कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाईना के शताब्दी समारोह के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देशवासियों को चीन की तरक्की के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
थ्येनआनमन चौक पर दिए गए अपने भाषण में एक तरफ उन्होंने देश के लोगों द्वारा बनाई गई एक नई दुनिया की सराहना की
वहीं अपने विरोधियों को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि देश को धमकाने की कोशिश करने वाली विदेशी ताकतों के सिर काट दिए जाएंगे। उनका ये भाषण लाइव प्रसारित किया गया है।
थ्येनआनमन चौक पर चीन के लड़ाकू जहाजों के फ्लाइंग पास से शुरू हुए इस समारोह में उन्होंने कहा कि वो चीन की सैन्य ताकत को बढ़ाने और ताइवान, हांगकांग और मकाऊ को वापस अपने साथ मिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का वही आक्रामक रुख दिखाई दिया जिसके लिए वो जाने भी जाते हैं।
उन्होंने कहा कि चीन के लोग न सिर्फ पुरानी दुनिया को खत्म करना जानते हैं बल्कि नए विश्व को बनाना भी उन्होंने आता है।
अपने भाषण में चिनफिंग ने ये भी साफ कर दिया है कि चीन के लोग अपने आंतरिक मामलों में किसी भी विदेशी ताकत को सहन नहीं करेंगे।
देश का कोई भी नागरिक इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा कि कोई भी विदेशी ताकत उन्हें धमकाए या अपने अधीन करने का दबाव बनाए।
यदि किसी ने भी ऐसा करने की हिम्मत की तो उनका सिर चीन की उस महान दीवार पर लगा दिए जाएंग जिसको डेढ़ अरब चीनियों ने तैयार किया था।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी सेना के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाना होगा। आपको बता दें कि चिनफिंग सेना पर नियंत्रण वाली सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के भी प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी देश ये समझने की गलती न करे कि चीन कमजोर है और वो अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं कर सकता है।
ताइवान को लेकर उन्होंने बेहद स्पष्ट कर दिया कि वो इसके लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि चीन के सभी बेटे और बेटियां और ताइवान स्ट्रेट के दोनों तरफ के लोगों को मिलकर चीन को आगे बढ़ाना होगा।
शी ने कहा कि सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने साफ कर दिया कि ताइवान को आजाद करने के बारे में सोचने या इसकी साजिश रचने वालों का अंजाम अच्छा नहीं होगा। हांगकांग और मकाऊ में भी सामाजिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना होगा।
चिनफिंग ने कहा कि हांगकांग का दोबारा चीन के साथ विलय वन नेशन टू सिस्टम के तौर पर किया गया था। हांगकांग की ही तरह मकाऊ को भी ये हक हासिल है। ये आगे भी बरकरार रहेगा।
