खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती ने स्कूलों में हिजाब का किया विरोध

खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती यासमीन निगार खान

कोलकाता। हिजाब विवाद को लेकर ‘सीमांत गांधी’ के नाम से विख्यात खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती यासमीन निगार खान ने अहम टिप्पणी की है।

उन्होंने स्कूलों एवं कॉलेजों में हिजाब पहनकर जाने की मांग का विरोध किया है। निगार खान ने कहा कि स्कूलों में एक यूनिफॉर्म कोड का पालन किया जाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि यदि आप अपने चेहरे को बुर्का या फिर हिजाब से स्कूल परिसर में ढक लेते हैं तो फिर वहां पहचान का एक मुद्दा बनेगा। उनकी यह राय ऐसे तमाम मुस्लिम नेताओं और सामाजिक संस्थाओं की राय के विपरीत है, जो हिजाब पहनने की मांग को चॉइस का मुद्दा बताते हुए समर्थन कर रहे हैं।

असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हिजाब का समर्थन किया है। प्रियंका गांधी ने इसे चॉइस का मुद्दा बताते हुए कहा कि महिलाओं के ऊपर कोई भी चीज थोपी नहीं जानी चाहिए।

उन्होंने बुधवार सुबह ट्वीट किया था कि बिकिनी हो, जींस या फिर घूंघट या हिजाब। महिलाओं पर कोई भी चीज थोपी नहीं जानी चाहिए। संविधान उन्हें अधिकार देता है कि वह अपने पसंद की चीजों को पहन सकें।

कोलकाता में रहने वालीं यासमीन निगार खान पहले भी भारत और दुनिया भर के सामाजिक मुद्दों पर टिप्पणी करती रही हैं। उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर भी अपनी राय जाहिर की थी और दुनिया से दखल देने की अपील की थी।

तालिबान के कब्जे को लेकर उन्होंने कहा था, ‘हम मीडिया के जरिए जो सुन और देख रहे हैं, वह बहुत चिंताजनक है। मैं नहीं जानती कि अब अफगानिस्तान का भविष्य क्या होगा, लेकिन इस मामले में वैश्विक ताकतों को दखल देना चाहिए ताकि कोई सही हल निकल सके।’  

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