आकाश को छोड़ मायावती फिर से बनीं BSP सुप्रीमो… जाने क्या है वजह?

BSP Suprimo Mayawati: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई जिसमें राज्य और देश भर से पदाधिकारी शामिल हुए। इस दौरान कई अहम फैसले किए गए। बसपा की बैठक में एक बार फिर से मायावती के सिर पर ताज रखा गया और उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि फिर से उन्हें पांच साल के लिए पार्टी के बागडोर संभालने का दायित्व दिया जाय।

बसपा सुप्रीमो मायावती साल 2003 के बाद से लगातार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी जाती रहीं हैं और इस बार भी उन्हें ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब मायावती पहले ही अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित कर चुकी है तो फिर क्यों वो अब भी पार्टी का अध्यक्ष बने रहना चाहतीं हैं?

BSP अध्यक्ष मायावती ही क्यों?
मायावती ने सोमवार को एक पोस्ट के जरिए भी दावा किया था कि वो फिलहाल राजनीति से संन्यास लेने के मूड में नहीं है और सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका निभाती रहेंगी. राजनीतिक जानकारों की मानें तो आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने के बावजूद बसपा के लिए मायावती ही सबसे मजबूत अध्यक्ष साबित हो सकती है. इसके पीछे कई वजह मानी जाती है.

दलितों की सबसे बड़ी नेता
ये बात किसी से छुपी नहीं है कि भले ही बसपा इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही हो लेकिन मायावती की स्वीकार्यता कम नहीं है. आज भी वो दलितों की सबसे बड़ी नेता कही जातीं हैं. यही नहीं दलितों को भी उन पर पूरा भरोसा है. दलित उन्हें देवी की तरह पूजते हैं। दूसरे दलों के नेता भी उनका सम्मान करते हैं. यही नहीं जब दूसरे दलों से गठबंधन की बात होती है तो भी बड़े से बड़े दल आगे बढ़कर उनसे ही बात करते हैं.

अभी पूरी तरह तैयार नहीं आकाश आनंद?
आकाश आनंद को बसपा का युवा कैडर पसंद करता है. लोकसभा चुनाव में उनके आक्रामक भाषणों ने भी काफी सुर्ख़ियां बटोरी थी, लेकिन इस दौरान वो जोश में होश खोते भी दिखाई दिए. उन्होंने बीजेपी को लेकर ऐसा बयान दिया जिसके बाद विवाद हो गया था. जिसके बाद मायावती ने उन्हें सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया था.

हालांकि चुनाव के बाद पार्टी नेताओं की मांग पर उन्हें फिर से उत्तराधिकारी बनाया गया. लेकिन, मायावती ख़ुद ये कह चुकी है कि आकाश आनंद अभी परिपक्व नहीं हुए हैं.

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