एंकर निवेशकों हेतु आज खुल रहा है LIC का IPO, इतने करोड़ शेयर हैं आरक्षित
नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा IPO एलआईसी का आईपीओ निवेशकों के लिए 4 मई को खुल जाएगा। इससे पहले एंकर निवेशकों के लिए इसे आज 2 मई को खोला जाएगा। आम निवेशकों के लिए पेश किए जा रहे 22.13 करोड़ शेयरों में से लगभग 5.93 करोड़ शेयर एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें 50 फीसदी शेयर पात्र संस्थागत आवंटन (क्यूआईपी) के लिए रखे गए हैं, जिनमें एंकर निवेशक भी हैं। क्यूआईपी के लिए आरक्षित शेयरों में से 35 फीसदी हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।
कई दिग्गज कंपनियों की दिलचस्पी
बात दें कि एलआईसी के आईपीओ में देश दुनिया की दिग्गज कंपनियों की दिलचस्पी है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बड़े पांच म्यूचुअल फंड हाउस भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी (HDFC), कोटक महिंद्रा, आदित्य बिरला और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI) एलआईसी के एंकर निवेशक होंगे।
इसके अलावा नॉर्वे, सिंगापुर और अबुधाबी के सॉवरेन वेल्थ फंड्स नोर्गेस बैंक इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट, जीआईसी पीटीई और अबुधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी बतौर एंकर इनवेस्टर्स इस एलआईसी के इश्यू में पैसे लगा सकते हैं।
सेबी ने एंकर निवेशकों के लिए उन्हें मिले शेयरों का लॉक-इन पीरियड 30 दिन कर दिया है। ऐसे में संभावना है कि एलआईसी को और अधिक निवेशक मिल सकेंगे। इसके अलावा 70 लाख निवेशकों के इसमें शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
एंकर निवेशकों से ये बड़ा फायदा
बता दें कि एंकर निवेशक का मतलब होता है किसी भी आईपीओ के सबसे शुरुआती निवेशक। आम लोगों के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) खुलने से पहले एंकर निवेशक इसमें निवेश करते हैं। इन्हें संस्थागत निवेशक भी कहा जाता है। इनमें म्यूचुअल फंड, पेंशन और इंश्योरेंस कंपनियां शामिल होती हैं।
बड़े एंकर निवेशक कंपनी के आईपीओ में जब निवेश करते हैं तो आम लोगों की धारणा पर इसका असर होता है और इसकी मांग में इजाफा हो सकता है। इससे आईपीओ के सफल होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
ऐसे में रिपोर्टों के आधार पर जो रुझान मिल रहे हैं, उनके मुताबिक, बड़े-बड़े एंकर निवेशक देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ में पैसा लगाने के इच्छुक हैं और इसका बड़ा फायदा इसे मिल सकता है।
21000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
आईपीओ लॉन्च करने की तारीख और इसके प्राइस बैंक का आधिकारिक एलान करते हुए निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने बीते दिनों बताया था कि एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी और इस आईपीओ के जरिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
इससे पहले पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी थी। डीआरएचपी के मुताबिक, इस आईपीओ के जरिए सरकार की योजना 21 हजार रुपये जुटाने की है।
बता दें कि सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उपजे हालातों के मद्देनजर शेयर बाजार की स्थिति को देखते हुए इश्यू के आकार को घटा दिया है। हालांकि इसके बाद भी यह देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
इतनी तय की गई शेयर की कीमत
बीमा कंपनी ने इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के लिए अपना प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया है। दीपम सचिव तुहिनकांत पांडे के अनुसार, सरकार ने अपनी इक्विटी हिस्सेदारी का 3.5 प्रतिशत या एलआईसी के 22.13 करोड़ शेयरों को बेचकर 20,557.23 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
यह लगभग 60,000 करोड़ रुपये के पहले के अनुमान से काफी कम है। आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के लिए 1.58 मिलियन है जबकि पॉलिसीधारक आरक्षण 22.14 मिलियन शेयर आरक्षित हैं।
पॉलिसीधारकों को 60 रुपये की छूट
डीआरएचपी के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ में पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए शेयर के भाव में छूट का भी प्रावधान किया गया है। पॉलिसीधारकों को प्रति शेयर पर 60 रुपये की छूट मिलेगी, जबकि रिटेल और कर्मचारियों को 40 रुपये की छूट दी जाएगी।
इस आईपीओ के आधे शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित हैं, 15 प्रतिशत शेयर गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित होंगे, जबकि शेष खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित होंगे। इस आईपीओ के लिए सरकार ने बीते दिनों 20 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी दी है।
6.48 करोड़ पॉलिसीधारकों की दिलचस्पी
बीते गुरुवार को दीपम में निदेशक राहुल जैन ने कहा था कि एलआईसी के आईपीओ को लेकर जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। 6.48 पॉलिसीधारकों ने शेयर खरीदने को लेकर काफी दिलचस्पी दिखाई है। मसलन 6.48 करोड़ पॉलिसीधारकों ने कट-ऑफ तिथि (28 फरवरी, 2022) तक अपने पैन नंबर को पॉलिसी विवरण के साथ जोड़ा है।
बता दें कि ऐसे पॉलिसीधारक जिन्होंने अपने पैन कार्ड की जानकारी 28 फरवरी तक पॉलिसी विवरण में अपडेट कर दी है, तो वे आरक्षित श्रेणी के जरिए एलआईसी आईपीओ में भागीदारी कर सकते हैं। दीपम निदेशक ने कहा कि कोई भी पॉलिसीधारक आरक्षित श्रेणी में दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है। खुदरा श्रेणी में भी दो लाख रुपये तक का निवेश किया सकता है।