
शिल्पा शेट्टी ने शेयर की इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ की तस्वीरे, अब गूगल पर खोज रहे लोग
Shilpa Shetty Foot Detox: शिल्पा शेट्टी समय-समय पर फैंस के साथ हेल्थ टिप्स शेयर करती हैं. अब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फुट डिटॉक्स की फोटो शेयर किया है, जो वायरल हो रहा है।
Shilpa Shetty Foot Detox: अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) न केवल अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहती हैं, बल्कि फैंस की भी फिक्र करती हैं। स्वास्थ्य टिप्स हो या कोई नई जानकारी देने में वह देर नहीं करती हैं। इस बीच, अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ करती नजर आईं। फुट बाथ (Electrolysis Foot Bath) न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि कई समस्याओं से छुटकारा भी दिलाता है।
शिल्पा शेट्टी ने शेयर की तस्वीरे
इंस्टाग्राम पर तस्वीर को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, “इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ, डिटॉक्स।” वहीं, शेयर की गई तस्वीर में शिल्पा इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ (Electrolysis Foot Bath) के दौरान हाथ में किताब लेकर पढ़ती नजर आईं। डिटॉक्सिफिकेशन फुट बाथ, जिसे फुट डिटॉक्स या आयनिक क्लींजिंग के नाम से भी जाना जाता है, यह प्रक्रिया मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्स करती है।
फुट बाथ इलेक्ट्रोलिसिस से क्या होता है?
फुट बाथ इलेक्ट्रोलिसिस के जरिए पानी में पॉजिटिव और नेगेटिव आयन बनाती है। टब में आयन चार्ज होते हैं, जो शरीर में जमी गंदगी को बेअसर कर शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं, इसलिए पानी का रंग बदल जाता है। नमक के पानी के घोल से भरे इलेक्ट्रिकल बाथ में पैर रखकर कुछ निश्चित समय तक बैठा जाता है। इस प्रक्रिया में 30 से 40 मिनट तक का समय लगता है। हालांकि, जिनके पैर में किसी तरह की एलर्जी या घाव हैं, विशेषज्ञ उन्हें फुट बाथ की सलाह नहीं देते हैं।
फुट बाथ इलेक्ट्रोलिसिस के फायदे (Electrolysis Foot Bath Benefits)
अब आइए, डालते हैं आयोनिक फुट बाथ के फायदों पर नजर। इससे कई लाभ मिलते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि फुट बाथ से माइग्रेन और सिरदर्द, तनाव से राहत मिलती है। स्किन में ग्लो आता है। शरीर की एनर्जी बढ़ती है। यदि आपको अनिद्रा की शिकायत है, तो यह आपके लिए और भी फायदेमंद है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। यही नहीं, इससे मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द और सूजन में भी राहत मिलती है।
आयोनिक फुट बाथ काम कैसे करता
अब बताते हैं कि आयोनिक फुट बाथ काम कैसे करता है? बाथ टब में पानी, नमक और इलेक्ट्रिक करंट छोड़कर एनर्जी उत्पन्न की जाती है, जो डिटॉक्स में मदद करती है। 30 से 40 मिनट में टब के पानी का रंग बदल जाता है। रंग में यह परिवर्तन उसमें स्थित मेटल की प्लेट्स के ऑक्सीकरण के कारण होता है, जो पानी में मौजूद तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और शरीर से गंदगी को निकालते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, महीने में दो बार फुट बाथ लिया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भागमभाग वाली दुनिया में थकान और दर्द आम सी बात बन चुकी है, ऐसे में शरीर के तनाव को दूर करने और दर्द में राहत पाने के लिए यह सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।