World Diabetes Day: डायबिटीज से जुड़ी गलतफहमियां, जानें इससे जुड़े सच…

World Diabetes Day: डायबिटीज एक आम बीमारी हो चुकी है और कोई भी आसानी से इसकी चपेट में आ रहा है। सही शिक्षा और जानकारी के साथ, डायबिटीज किसी के जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए तरीके से जीने का अवसर है।

 World Diabetes Day: आजकल के बदलते लाइफस्टाइल के कारण लोग अलग अलग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं जिसमें से एक है डायबिटीज। 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day 2024) के रूप में मनाया जाता है। मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिम्स में नए मरीजों के मधुमेह जांच में करीब 60 प्रतिशत तक पॉजटिव रिजल्ट मिल रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि गलत लाइफस्टाइल की वजह से टाइप टू डायबिटीज के मरीज मिल रहे हैं।

दुनिया भर में लाखों लोग डायबिटीज (शुगर) से पीड़ित हैं, जो एक बहुत ही आम क्रोनिक बीमारी है। इसके बावजूद, डायबिटीज को लेकर कई मिथक और गलत धारणाएँ बनी हुई हैं, जो अक्सर भ्रम पैदा करती हैं और इलाज को प्रभावित करती हैं।

मिथक 1: अधिक मीठा खाने से डायबिटीज होता है​

यह सबसे आम और प्रचलित मिथकों में से एक है कि ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज हो जाता है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। ज़्यादा मीठा खाने से सीधे तौर पर डायबिटीज़ नहीं होती, लेकिन इसका सेवन करने से वज़न बढ़ता है और शरीर में वसा बढ़ती है, जो डायबिटीज़ के जोखिम कारक हैं। टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो अक्सर बचपन में शुरू होती है और इसका डाइट से कोई संबंध नहीं होता। दूसरी ओर, टाइप 2 डायबिटीज कई कारकों से प्रभावित होती है, जिनमें लाइफस्टाइल, जेनेटिक्स और स्वास्थ्य संबंधी बिमारियां शामिल हैं। सिर्फ मीठे के सेवन से डायबिटीज नहीं होता है, बल्कि खराब खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी जैसे कारक भी इसमें रोल निभाते हैं।

मिथक 2: डायबिटीज केवल वृद्ध लोगों को होता है

यह एक बहुत बड़ा मिथ है कि डायबिटीज केवल बुजुर्गों को होता है। डायबिटीज़ केवल वृद्ध लोगों को नहीं होता, बल्कि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। टाइप 1 डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकता है, हालांकि यह अधिकतर बचपन या टीनेज में शुरू होती है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क ऐज के साथ बढ़ता है, खासकर 45 वर्ष के बाद। लेकिन बदलती जीवनशैली और बढ़ती मोटापा फ्रीक्वेंसी के कारण, टाइप 2 डायबिटीज अब युवाओं और यहां तक कि बच्चों में भी देखा जा रहा है।

मिथक 3: डायबिटीज वाले कार्बोहाइड्रेट या मीठा नहीं खा सकते

एक और आम धारणा है कि डायबिटीज से पीड़ित लोग कार्बोहाइड्रेट, मीठा और अन्य फोरबिडेन डाइट नहीं खा सकते। वास्तव में, डायबिटीज के नियंत्रण के लिए जरूरी है बैलेंस डाइट ना कि प्रतिबंधित डाइट। सही मात्रा में और संतुलित आहार के साथ, डायबिटीज से ग्रस्त लोग भी मिठाई और कार्बोहाइड्रेट को एंजॉय कर सकते हैं। ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज साथ में मेडिकेशन महत्वपूर्ण है।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित लोग मिठाई, चॉकलेट या अन्य मीठे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं, बशर्ते कि वे इन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन योजना के भाग के रूप में खाएं या व्यायाम के साथ खाएं

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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