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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से संसद व्यवस्था को मिलेगी गति: ओम बिरला
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इंदौर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नवनिर्माण एक नियमित प्रक्रिया है और सभी दल के नेता और सदन ने आग्रह किया था कि नई संसद बनानी चाहिए।
हम डिजिटल संसद की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम अभी 90 से 92 प्रतिशत काम डिजिटल माध्यम से करने लगे हैं। नए भवन से संसद व्यवस्था को गति मिलेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद अंग्रेजों के समय में 1921 में बनी थी। संसद उस समय की व्यवस्था के अनुसार है लेकिन 99 वर्ष बाद इसमें बदलाव की जरूरत है। यह लोकतंत्र का मंदिर है।
भवन भूंकपरोधी हो, हाइटेक हो, संचार तेज हो और त्वरित काम हो सके, इसके लिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट देश के लिए महत्वपूर्ण है।
ओम बिरला इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइएमए) के द स्पीकर स्पीक कार्यक्रम में संसद व्यवस्था पर पूछे गए कई सवालों के जवाब दिए।
उन्होंने कहा हमारी कोशिश होती है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों की अपेक्षा और विश्वास बढ़े। प्रधानमंत्री की इच्छा है कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण हों तब भारत दुनिया के देशों में सबसे अगली पंक्ति में हो।
उन्होंने कहा कि संसद में देश, जनता और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन संसद किसी भी स्थिति में राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का मंच न बने।
संसद में शून्यकाल के माध्यम से संसद सदस्यों को अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाने के लिए रिकार्ड समय और अवसर दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चर्चा करना महत्वपूर्ण व्यवस्था है। किसी भी संवाद से रास्ते निकलते हैं। संवाद से जो चीजें निकलती है उससे ही जनता का कल्याण होता है।
तनाव के लिए कभी काम नहीं होना चाहिए, राजनीति हो या बिजनेस हो या सर्विस सेक्टर कभी तनाव न लें।