
लखनऊ मंडल में नहीं थम रही बाघ की दहशत, स्कूल-कॉलेज…
Lucknow News: लखनऊ के रहमानखेड़ा जंगल, काकोरी सहित 20 से ज्यादा गांवों में बाघ की दहशत है. 2 महीने से टाइगर ने रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CIHS) को अपना ठिकाना बना रखा है।
Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ के काकोरी के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ की चहलकदमी एक निश्चित दूरी तक सीमित हो चुकी है। बुधवार को संस्थान के बेल बाग वाले ब्लॉक सहित जोन दो के मीठे नगर जंगल में बाघ के ताजे पगचिह्न देखे गए। शिकार की तलाश में बाघ अलग-अलग समय पर तो जंगल में आ रहा है लेकिन शिकार नहीं कर रहा है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. रेणु सिंह व बाराबंकी डीएफओ आकाशदीप बधावन ने सीआईएसएच कैम्पस का स्थलीय निरीक्षण कर डॉक्टरों को दिशा-निर्देश दिए हैं।
खेती किसानी हुई ठप
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं, लेकिन स्कूल बंद हैं. किसान डर के मारे खेतों पर नहीं जा रहे. आम के बौर मुरझा रहे हैं, क्योंकि कई बागों में बाघ की चहलकदमी के निशान मिले, जिससे लोगों ने उधर जाना छोड़ दिया. दवा-इलाज के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इन गांवों में शादियां भी री-शेड्यूल करनी पड़ रही हैं. किसान, मजदूर, व्यापारी, स्टूडेंट, पालतू पशु सब परेशान हैं.
वहीं, वन विभाग की अब की सारी कवायद फेल हो चुकी है. अधिकारियों ने ट्रैपिंग केज लगवाए, एक्सपर्ट बुलाए. बाघ का रेस्क्यू करने लिए ट्रेंड हथिनियां तक बुलाई गईं, लेकिन सब बेअसर रहा. अब वन विभाग के अधिकारी गर्मी का इंतजार कर रहे हैं. माना जा रहा है कि गर्मी पड़ते ही बाघ वापस वहीं चला जाएगा, जहां से यहां आया है।
डीएफओ ने बताया कि संस्थान के जोन एक में बाघ के पगचिह्न मिलने से रणनीति के तहत जोन दो और जोन तीन में हाथियों के जरिए लगातार कॉम्बिंग कराई जा रही है। हाथियों के खौफ से बाघ ने संस्थान को ही ठिकाना बना लिया है। बाघ के ठिकाना बदलने की स्थिति में सुरक्षित रेस्क्यू करने के मौके बढ़ जाते हैं।