
यूपी में किरायेदारी रेंट एग्रीमेंट की होगी रजिस्ट्री, लगेगा 2 प्रतिशत स्टांप शुल्क?
UP Rent Agreement: योगी सरकार मकान मालिक और किरायेदारों के हित को ध्यान में रखते हुए एक नया प्रस्ताव लाने वाली है। इससे रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्रेटी को बढ़ावा मिलेगा।
UP Rent Agreement Registry Rule: उत्तर प्रदेश के मकान मालिकों और किराएदार दोनों के लिए जरूरी खबर है. मकान मालिकों और किराएदारों के बीच विवादों के अक्सर मामले सामने आते रहते हैं. अब योगी सरकार रेंट एग्रीमेंट के नियमों में बड़ा फेरबदल करने जा रही है. यूपी सरकार का यह कदम प्रॉपर्टी की सुरक्षा को लेकर उठाया जाएगा. कैबिनेट में इसक प्रस्ताव पेश किए जाने की तैयारी है. प्रस्ताव में रजिस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए स्टांप शुल्क को कम करने की सिफारिश की गई है.
मालिक-किराएदार दोनों को फायदा
अब नए नियम के मुताबिक रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में लिखी शर्तें ही कानूनी रूप से मान्य होंगी, जिन पर कोर्ट में दावा किया जा सकेगा। ऐसा भी बताया जा रहा है कि नए नियम के तहत रेंट एग्रीमेंट के लिए अलग से पोर्टल तैयार होगा। इसका एक तय फॉर्मेट होगा, जिसका प्रिंट आउट लेकर अपने पास सेव करके रखा जा सकेगा। इस फॉर्मेट पर स्टाम्प को चिपकाने के बाद इसे कानूनी वैधता मिल जाएगी।
नए रेंट एग्रीमेंट नियम के तहत एक साल तक के एग्रीमेंट पर किराए का 2 प्रतिशत स्टांप शुल्क वसूला जाएगा। 2 लाख रुपये तक के किराए पर 500 रुपये स्टांप शुल्क। 5 लाख रुपये तक के किराए पर 5 हजार का स्टांप शुल्क। एक करोड़ या इससे अधिक के किराए पर 20 हजार रुपये का स्टांप शुल्क तय होगा।
रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री होने से किराएदार और मकान मालिक दोनों को फायदा होगा. योगी सरकार के इस कदम से किराएदारों और मकान मालिकों के बीच के विवादों पर भी विराम लगेगा. साथ ही दोनों पक्षों के हित भी सुरक्षित रहेंगे
उत्तर प्रदेश में घर से लेकर दुकान और ऑफिस तक किराए पर देने वालों की संख्या लाखों में है लेकिन पिछले साल के आंकड़े देखें तो केवल 86 हजार लोगों ने ही रेंट एग्रीमेंट कराया है. बताया जा रहा है कि नए नियम के तहत रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में तय शर्तों कानूनी तौर पर भी मान्य होंगी. इन पर कोर्ट में भी दावा किया जा सकेगा.