Nagpur Violence: औरंगजेब की कब्र पर मचा बवाल, पथराव, आगजनी…

Nagpur Violence: नागपुर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव और आगजनी हुई. हिंदुत्वादी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की थी.

Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोमवार, 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक झड़पों और आगजनी में बदल गया। यह घटना शहर के महाल इलाके में हुई, जहां दो गुटों के बीच तनाव बढ़ने के बाद पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। भारी बवाल को देखते हुए नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। आइए, इस पूरे विवाद और इसके घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं

पथराव, आगजनी… आखिर हुआ क्‍या?

हिंसक झड़प में दो समुदायों के युवकों ने एक दूसरे पर पत्थर फेंके, कुछ गाड़ियां तोड़ी गईं, आगजनी हुई. डीसीपी निकेतन कदम पर भी हमला हुआ, गंभीर हालत में डीसीपी कदम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने आरएसएस मुख्यालय वाले महल में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. नागपुर पुलिस ने प्रोहिबिट्री ऑर्डर इश्यू किया है साथ ही पुलिस ने अब तक 40 से 50 लोगों को हिरासत में लिया है. साथ ही क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी गई है.

विवाद की शुरुआत: औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग

यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार नागपुर के महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों का कहना था कि खुल्दाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि औरंगजेब एक “अत्याचारी शासक” था, और उसकी कब्र का महिमामंडन स्वीकार्य नहीं है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति को शांत कर लिया था, लेकिन शाम होते-होते मामला फिर भड़क उठा।

वो अफवाहें, जिनसे भड़की हिंसा 

डीसीपी नागपुर अर्चित चांडक ने कहा, ‘यह घटना कुछ गलतफहमी के कारण हुई. स्थिति अभी नियंत्रण में है. यहां हमारा बल मजबूत है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें…या पत्थरबाजी न करें. दरअसल, सोमवार को नागपुर में हिंसा भड़ने की वजह दो अफवाहें थी. नागपुर में बजरंग दल और विश्‍व हिंदू परिषद के विरोध प्रदर्शन के बीच पहली अफवाह यह फैली कि एक धार्मिक ग्रंथ को नुकसान पहुंचाया गया है. वहीं, दूसरी अफवाह कुछ असामाजिक तत्‍वों द्वारा ये फैलाई गई कि पवित्र चादर को आग लगा दी गई है. हालांकि, कहीं कुछ ऐसा हुआ ही नहीं था. इन अफवाहों से एक समुदाय विशेष के लोग भड़क गए और सड़कों पर उतर आए.

10 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

उल्लेखनीय है कि नागपुर में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प के बाद 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है, उनमें कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्र शामिल हैं।

शहर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने एक आदेश जारी कर कहा कि आधी रात से लगाया गया कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा। पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें बंद करने का अधिकार दिया गया है। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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