Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर्व पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, स्नान और दान से सूर्यदेव होगे प्रसन्न!

Makar Sankranti: भारतीय हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही पावन माना जाता है. इस शुभ दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन दान और पूजा करने से विशेष फल मिलता है. जाने मकर संक्रांति पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि….

Makar Sankranti Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हर साल बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण का आरंभ होता है. यह त्योहार नई फसल के आगमन का प्रतीक है और इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. मकर संक्रांति नई फसल के आगमन का उत्सव है. किसान इस दिन सूर्य देव को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने उन्हें अच्छी फसल दी.

भारतीय हिन्दू धर्म में मान्यता है कि सूर्य देव सभी जीवों को जीवन देते हैं. इस दिन स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है. मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन गरीबों को दान करना पुण्य का काम माना जाता है.

द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने की प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 15 जनवरी दिन बुधवार को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. 14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर प्रवेश करेंगे. तभी शाही स्नान के लिए पुण्य काल शुरू होगा.

मकर संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट रहेगा. इन दोनों मुहूर्तों में स्नान, दान और पूजा करने से विशेष फल मिलता है.

मकर संक्रांति पर पूजा विधि

  • मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
  • सूर्य देव को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें.
  • सूर्य देव के विभिन्न मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें.
  • सूर्य देव को भोग लगाएं. आप उन्हें फल, मिठाई, या अन्य भोग लगा सकते हैं.
  • अंत में सूर्य देव की आरती करें.
  • इस दिन गरीबों को दान दें.

इस दिन क्या करें?

  • स्नान: गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें.
  • दान: गरीबों को कपड़े, अन्न आदि दान करें.
  • तिल का सेवन: तिल के लड्डू या तिल के अन्य व्यंजन खाएं.
  • कंबल दान: गरीबों को कंबल दान करें.

मकर संक्रांति नई फसल का स्वागत करने का त्योहार है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है. इस दिन स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है. इस दिन शुभ कार्य शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है.

मकर संक्रांति पर तीर्थराज प्रयागराज में स्नान का महत्व 

मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। विशेषकर माघ माह में तीर्थराज प्रयाग के संगम पर स्नान, तप-साधना और दान का विशेष महत्व होता है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिखा है कि ” माघ मास में जब सूर्य मकर राशि में आते हैं तब सब लोग तीर्थों के राजा प्रयाग के पावन संगम तट पर आते हैं। देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्यों के समूह सब आदरपूर्वक त्रिवेणी में स्नान करते हैं ”। 

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