Manipur Violence: मणिपुर में फिर भड़की आग, कई जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद…

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा को देखते हुए यहां की राजधानी इंफाल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था.

Manipur Violence: मणिपुर में फिर से हालात संकटपूर्ण हो गए हैं। इस बीच सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने एनडीए की बैठक बुलाई थी। हालांकि 45 में से मात्र 27 विधायक ही इस बैठक में पहुंचे। एक विधायक ने बैठक को वर्चुअली ज्वॉइन किया। इस बैठक में मणिपुर में फिर से बढ़ रही हिंसा को लेकर बातचीत होनी थी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक बैठक से अनुपस्थित विधायकों में से छह ने मेडिकल कारणों का हवाला दिया है। 

अभी हालात क्या हैं?

मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे हैं. राज्य के कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं. एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर है. मौजूदा हालात को देखते हुए मणिपुर में 19 नवंबर को तमाम स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद है.

मणिपुर को कैसे किया जा रहा कंट्रोल?

मणिपुर में स्थिति को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने का फैसला किया है. इस तरह अब राज्य में सीएपीएफ की 268 कंपनियां तैनात हो जाएंगी. इनमें पांच हजार जवानों की संख्या और बढ़ जाएगी। इस तरह, राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में जवानों की तैनाती की संख्या 26,800 हो जेगी. इन 50 कंपनियों में सबसे बड़ी संख्या सीआरपीएफ की कंपनियों की होगी, जबकि बाकी कंपनियां बीएसएफ और अन्य सुरक्षाबलों की होंगी. जो अतिरिक्त 50 कंपनी यहां जाएगी उनमें अतिरिक्त 6500 अर्धसैनिक बल होंगे. यहां पहले से ही 40,000 केंद्रीय बल मौजूद हैं.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसको लेकर एक्स पर एक पोस्ट लिखी है। उन्होंने लिखा कि जिरीबाम में मासूमों की मौत की हम निंदा करते हैं। यहां पर शांति बहाल होगी और लोगों को न्याय मिलेगा। घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे लिखा कि अफसपा और प्रदेश में न्याय व्यवस्था की बहाली को लेकर अहम फैसले लिए गए हैं।

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