मौनी अमावस्या: ठंड पर भारी पड़ी आस्था, संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

प्रयागराज। मौनी अमावस्या 2022 के पावन पर्व पर आज मंगलवार को तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
मौनी अमावस्या माघ मेला का प्रमुख व सबसे पुण्यदायी स्नान पर्व माना जाता है। माघ मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के बाद संगम का जल लेकर बाहर निकलते दिख रहे हैं।
माघ मास की अमावस्या तिथि सोमवार की दोपहर 1.27 बजे लग गई थी। स्नान का क्रम उसी समय से शुरू हो गया था। उदया तिथि में स्नान के अभिलाषी मंगलवार को स्नान कर रहे हैं।
अन्य घाटों पर भीड़
संगम के पवित्र जल में स्नान करने के अलावा गंगा के अक्षयवट, रामघाट, दारागंज, गंगोली शिवालय, फाफामऊ आदि घाटों पर भी स्नान, दान का सिलसिला चल रहा है।
मौनी अमावस्या का स्नान रात 12 बजे से शुरू
माघ मास की अमावस्या तिथि सोमवार की दोपहर 1.27 बजे लग गई थी। इसी कारण स्नान का सिलसिला सोमवार की दोपहर से शुरू होकर देर शाम तक चला।
प्रशासनिक दावा है कि सोमवार को 45 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। इसके बाद रात 12 बजे के बाद स्नान का सिलसिला आरंभ हो गया।
कड़ाके की ठंड में भी भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर लोग स्नान कर रहे हैं। लाखों की भीड़ में भी कोरोना के प्रति सतर्कता दिखी। अधिकतर चेहरे मास्क से ढके थे।
तीर्थपुरोहितों को दे रहे दान
मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद दान करने का विशेष महत्व है। इसी कारण स्नान के बाद लोग तीर्थ पुरोहितों को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि दान कर रहे हैं।
