Loksabha Election: DMK सांसद का हार्ट अटैक से मौत, लोकसभा चुनाव के लिए टिकट ना मिलने पर खाया था जहर!
Loksabha Chunaav: तमिलनाडु की DMK पार्टी के सांसद गणेशमूर्ति का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार की सुबह पांच बजे कोयंबटूर के निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। चार दिन पहले उन्होंने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, तब से वे अस्पताल में भर्ती थे।
तमिलनाडु के इरोड से मौजूदा लोकसभा सांसद MDMK के ए. गणेशमूर्ति का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार, आज सुबह 5:05 बजे कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ। बता दें कि कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद 24 मार्च को उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से टिकट न मिलने पर वे डिप्रेशन में थे, जिसके चलते उन्होंने सुसाइड की कोशिश की थी। उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा।
रविवार सुबह अस्पताल में हुए थे भर्ती
पुलिस ने बताया कि 77 वर्षीय सांसद गणेशमूर्ति को रविवार की सुबह करीब साढ़े 9 बजे उनके परिजन अस्पताल लेकर आए। डॉक्टरों ने उनका चेकअप करने के बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया था और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इरोड टाउन पुलिस ने पहले आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। वहीं, उन्होंने कहा कि अब इसे आत्महत्या से मौत के मामले में बदल दिया जाएगा।
अस्पताल के अधिकारियों ने शव को पुलिस को सौंप दिया। जिसके बाद शव को परीक्षण के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (आईआरटी) मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को यहां से 15 किलोमीटर दूर कुमारवलासु गांव ले जाया जाएगा और वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
परिजनों का दावा- सांसद ने खाया जहर
एक रिपोर्ट के अनुसार उनके परिजनों ने कहा कि सांसद ने कीटनाशक सल्फास जहर खा लिया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सांसद ए गणेशमूर्ति ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकट न दिए जाने के चलते आत्महत्या की कोशिश की थी। हालांकि, डॉक्टरों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी बयान देने से मना कर दिया। सांसद को बाद में कोयंबटूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था।
गणेशमूर्ति 2019 में सांसद चुने गए थे। उन्होंने इससे पहले 1998 में पलानी और 2009 में इरोड से लोकसभा चुनाव जीता था। गणेशमूर्ति के परिवार में एक बेटा और एक बेटी है।
इरोड में डीएमके के छात्र विंग के संयुक्त आयोजक थे
76 वर्षीय गणेशमूर्ति द्रविड़ आंदोलन के दिग्गज रहे हैं। पश्चिम तमिलनाडु के रहने वाले गणेशमूर्ति ने कानूनी पढ़ाई की है। अपने स्कूल के दिनों में डीएमके की ओर आकर्षित होने के कारण, वह इरोड में डीएमके के छात्र विंग के संयुक्त आयोजक थे। 1984 में उन्हें DMK छात्र विंग के इरोड जिला सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 1989 में उन्होंने डीएमके के टिकट पर मोडाकुरिची विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। बाद में, जब वाइको ने पार्टी को विभाजित कर दिया और 1996 में अपनी खुद की मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) लॉन्च करने के लिए चले गए, तो गणेशमूर्ति उनके साथ शामिल हो गए।