शिकागो यूनिवर्सिटी के मुस्लिम छात्र का विवादित बयान…अमेरिका को बताया कैंसर?
Viral video: शिकागो यूनिवर्सिटी के मुस्लिम छात्र ने कहा कि अमेरिका, अमेरिकी सरकार, सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र, पूंजीवाद, ये ऐसे कैंसर हैं, जिन्होंने अमेरिका, मिडिल ईस्ट सहित पूरी दुनिया में अपनी बीमारी फैला दी है. यहां का लोकतंत्र सड़ चुका है.
शिकागो यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला एक मुस्लिम छात्र ने अमेरिका को लेकर बड़ा ही विवादित बयान दिया है. उसने अमेरिका को इस्लामिक मुल्क बनाने की बात कही है. सोशल मीडिया पर इस छात्र का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. शिकागो यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले इस छात्र का नाम मोहम्मद नुसैरात है. वीडियो में नुसैरात ने अमेरिका को कैंसर बताया है. यह वीडियो 3 मई 2024 का है, जो आज वायरल हो रहा है.
मुस्लिम छात्र ने कहा कि अमेरिका, अमेरिकी सरकार, सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र, पूंजीवाद, ये ऐसे कैंसर हैं, जिन्होंने अमेरिका, मिडिल ईस्ट सहित पूरी दुनिया में अपनी बीमारी फैला दी है. यहां का लोकतंत्र सड़ चुका है. हमें अमेरिका में शरिया कानून चाहिए. हम अब यहीं रहेंगे. हम वापस अपने देश नहीं जाएंगे. हम अमेरिका को ही इस्लामिक मुल्क बनाएंगे.
Muslim student calls America a “cancer” during a speech at UIC Chicago.
— Oli London (@OliLondonTV) June 15, 2024
“America is the cancer…Muslims are tired of this cancer. They are tired of the American government. They are tired of democracy. They want to see a new way of life.”
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यूनिवर्सिटी में डेटा साइंस का छात्र
नुसैरात के लिंक्डइन प्रोफाइल में बताया गया है कि वह शिकागो यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ साइंस बीएस, डेटा साइंस की पढ़ाई कर रहा है. उसने विश्वविद्यालय के मुस्लिम स्टूडेंट्स एसोसिएशन (MSA) के हालिया भाषण में ये सारी बातें कहीं. इससे पहले भी इस यूनिवर्सिटी के एक मुस्लिम छात्र ने इसी तरह का बयान दिया था. 26 अप्रैल 2024 को यूआईसी एमएसए में अपने भाषण में उसने कहा था कि फिलिस्तीन की मुक्ति अमेरिका, कांग्रेसियों या सीनेटरों के हाथों नहीं होगी, बल्कि मुस्लिमों के हाथों होगी.
छात्र ने इस्लाम को बताया न्यायपूर्ण धर्म
मोहम्मद नुसैरात ने कहा कि मुसलमान अब इस कैंसर से थक गए हैं. वे अमेरिकी सरकार से थक गए हैं. वे लोकतंत्र से थक गए हैं. वे जीवन का एक नया तरीका देखना चाहते हैं. बतौर मुसलमानों हमें समझना होगा कि हमारे पास जीवन जीने का नया तरीका है. मुसलमानों के पास भी दया नाम की चीज होती है. ऊपरवाले ने ये चीज सबको दी है. गैर-मुसलमानों को इसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. मुस्लिम छात्र ने कहा कि इस्लाम एक न्यायपूर्ण धर्म है, जिसे समाज पर लागू किया जाना है.