नायब सैनी ने ली दूसरी बार सीएम पद की शपथ… मंत्रिमंडल में 35 फीसदी ओबीसी
Nayab Singh Saini Oath: हरियाणा में नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ-साथ 13 मंत्रियों ने शपथ ली है. हरियाणा सरकार में 13 में से 6 मंत्री ऐसे हैं, जो दल बदलकर बीजेपी में आए हैं. इनमें 2 तो चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. पंचकूला में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत एनडीए के कई नेता मौजूद रहे। इसके अलावा चंद्राबाबू नायडू, एकनाथ शिंदे, योगी आदित्यनाथ, भूपेंद्र पटेल, ललन सिंह, चिराग पासवान समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता मौजूद रहे।
आपको बता दें कि नायब मंत्रिमंडल में 35 फीसदी गैर जाट ओबीसी मंत्री हैं। अगर जाट को भी जोड़ दिया जाए तो 7 मंत्री ओबीसी हैं यानी 50 फीसदी। मंत्रिमंडल में दो महिलाएं कैबिनेट मंत्री हैं। हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के साथ-साथ सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
सैनी मंत्रिमंडल में 35 फीसदी ओबीसी
सैनी मंत्रिमंडल में जहां बीजेपी ने जातीय संतुलन साधा है, वहीं बड़े नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है। मंत्रिमंडल में दो जाट, दो ब्राह्मण, एक राजपूत, एक गुर्जर, दो वैश्य, दो दलित और दो यादव। खुद सीएम नायब सिंह सैनी और राजेश नागर ओबीसी समाज से आते हैं। 14 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में गैर जाट ओबीसी की कुल भागीदारी 5 यानी 35 फीसदी है।
सीएम पद पर अनिल विज का दावा
शपथ ग्रहण के मंच पर अनिल विज की इस गर्मजोशी ने इस वजह से भी लोगों का ध्यान खींचा की वो चुनाव के समय से ही मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोक रहे थे.चुनाव के दौरान अनिल विज ने कहा था कि अगर पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो वह अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद का दावा करेंगे.उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी.लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उनकी दावेदारी को दरकिनार कर दिया. अंत में उन्हें कैबिनेट मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा.
इससे पहले बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक से पहले अनिल विज ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं. उनका कहना था कि मैं कोई दावेदार नहीं हूं.मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा. पार्टी का फैसला उन्हें स्वीकार्य होगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर नायब सिंह सैनी के नाम का प्रस्ताव जिन दो विधायकों ने किया था, उनमें अनिल भी शामिल थे.
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