भारत में भी कई सिंगापुर बनाना हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM Modi Visit Singapore: भारतीय पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गहन बातचीत हुई है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच चार अहम समझौते हुए। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने बृहस्पतिवार को प्रतिनिधि स्तर (PM Modi Visit Singapore) की बैठक की। सिंगापुर और भारत के बीच चार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ के स्तर तक पहुंच गए हैं। इस मौके पर मोदी ने कहा कि सिंगापुर न केवल एक साझेदार राष्ट्र है, बल्कि यह प्रत्येक विकासशील देश के लिए प्रेरणा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हम भारत में भी कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।”

भारत में कई सिंगापुर बनाना चाहते है पीएम मोदी

मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए वोंग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद यह हमारी पहली मुलाकात है। मेरी ओर से आपको बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूरा भरोसा है कि 4जी (चौथी पीढ़ी के नेताओं) के नेतृत्व में सिंगापुर और भी तेजी से प्रगति करेगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम भारत में भी कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। हमारे बीच जिस मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन की व्यवस्था हुई है, वह एक पथ-प्रदर्शक तंत्र है।’’

डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में बढ़ाएंगे सहयोग
भारत और सिंगापुर के बीच जो पहले समझौते हुआ, उसके तहत भारत सरकार का इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना मंत्रालय और सिंगापुर का डिजिटल डेवलेपमेंट मंत्रालय मिलकर डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। इससे दोनों देशों के बीच डिजिटल तकनीक जैसे डीपीआई, साइबर सिक्योरिटी, 5जी, इमर्जिंग तकनीक जैसे सुपर कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति बनी। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘संबंधों में एक नया अध्याय : व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने आज सिंगापुर में एक सार्थक बैठक की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने उन्नत विनिर्माण, संपर्क सुविधा, डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा, कौशल विकास और स्थिरता जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की।’’

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