G-7 समिट मंच पर मिली भारत को स्पेशल जगह; तस्वीरों में दिखा PM मोदी का जलवा
G-7 Summit: पीएम मोदी इटली का सफल दौरा करने के बाद भारत वापस आ गए हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी और जापानी पीएम फूमियो किशिदा से भी मुलाकात की।
इटली में हुए G-7 समिट का सफल दौरा करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी भारत वापस आ गए हैं। यहां G-7 समिट में वैश्विक नेताओं से खास मंथन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर नमस्ते कियादुनिया के शीर्ष नेताओं के बीच उनकी दीवानगी भी देखने को मिली। आपको बता दें कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। पीएम मोदी ने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित दुनिया के कई नेताओं के साथ बातचीत की।
प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली गए थे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ।इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने उनके साथ सेल्फी भी ली। इसके अलावा ग्रुप फोटो के दौरान उन्हें मच पर बीच की महत्वपूर्ण जगह दी गई।
पीएम मोदी ने शनिवार की सुबह एक्स पर लिखा, “अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में बहुत ही उपयोगी रहा। विश्व नेताओं से बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जिससे वैश्विक समुदाय को लाभ हो और भावी पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण हो। मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन के साथ भी अलग से बातचीत की। बाइडेन के साथ अपनी बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
अपनी यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी और जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा से भी मुलाकात की।
जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया जाना इस बात का संकेत है कि तेजी से बढ़ते चीन का मुकाबला करने की पश्चिम की योजनाओं में भारत को प्रमुखता से जगह दी जा रही है। भारत के अलावा 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया था।