IAS पूजा खेडेकर…VIP रौला, फर्जी सर्टिफिकेट; विवादित इंटरव्यू हुआ वायरल?

Pooja Khedakar: देश भर में IAS पूजा खेड़कर नाम काफी सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी पूजा पर कई बड़े आरोप लगे हैं। कहा जा रहा है कि पूजा ने फर्जी सर्टिफिकेट की मदद से IAS की नौकरी ली है।

UPSC परीक्षा के लिए कथित तौर पर सर्टिफिकेट में झोल करने वाली ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडेकर का नाम पूरे देश में इस वक्त काफी चर्चा में आ गया है। इसका कारण है उन पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से IAS की नौकरी लेने का आरोप लगना। दरअसल, पूजा खेडेकर पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा यानी की UPSC पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा किए थे। कहा ये भी जा रहा है कि पूजा ने बार-बार मेडिकल टेस्ट करवाने से मना करती आई हैं। तो आइए जानते हैं देश में चर्चा का केंद्र बनीं IAS पूजा खेडेकर के बारे में कुछ खास बातें।

IAS बनने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा

दरअसल, पूजा खेडेकर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह अभी ट्रेनिंग अवधि में ही हैं लेकिन अक्सर विवादों में बनी रहती हैं। आरोप है कि पूजा खेडेकर ने IAS अफसर बनने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा लिया। पहले से ही उनके दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर सवाल खड़े किए गए थे। 

VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड

पोस्टिंग के दौरान हाई डिमांड के बाद अब पूजा खेडेकर का विवादित मॉक इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूजा ने पुणे में पोस्टिंग पर VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड की थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था और उनका तबादला वाशिम में कर दिया गया था। पूजा खेडकर ओबीसी के नॉन क्रीमी कोटे से सेलेक्ट हुई थीं। मॉक इंटरव्यू में वो दावा कर रही हैं कि पिता से अलग रहती हैं। उन्होंने 40 करोड़ की संपत्ति डिक्लेयर की लेकिन हलफनामें में कहीं भी बेटी या पत्नी के अलग रहने का जिक्र नहीं किया। 

शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 2023 बैच की आईएएस  पूजा खेडेकर को अपने प्रशिक्षण के शेष कार्यकाल को पूरा करने के लिए वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया है। वह 30 जुलाई, 2025 तक अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में वहां काम करेंगी। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे ने जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक, ड्यूटी शुरू करने से पहले भी, खेडकर ने बार-बार एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक प्योन मांगा था। जो कि प्रोबेशन वाले अधिकारियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। पूजा खेडेकर पर पुणे कलेक्टर के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की नेमप्लेट हटाने का भी आरोप लगाया गया था। 

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