दस साल की सजा, एक करोड़ का जुर्माना, एंटी पेपर लीक कानून लागू

पूरे देश में नीट यूजी पेपर लीक को लेकर विवाद चल रहा है। छात्र और विपक्षा दल देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र ने अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लागू कर दिया है। 

Anti-Paper Leak Law: केंद्र सरकार ने NEET और UGC-NET परीक्षाओं में कथित अनियमितता को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है।

10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ तक जुर्माना

इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे। यूजीसी-नेट, 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर जारी विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कानून अनुचित साधनों’ को, पेपर या आंसर की लीक करना, अनधिकृत संचार के माध्यम से परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की सहायता करना, कंप्यूटर नेटवर्क या अन्य उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना, प्रॉक्सी उम्मीदवार बैठाना (​किसी सॉल्वर को कैंडीडेट की जगह परीक्षा में बैठाना), फर्जी परीक्षा आयोजित कराना, परीक्षा सूची या रैंक को लेकर नकली दस्तावेज जारी करना और योग्यता दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के रूप में परिभाषित करता है।

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के अंतर्गत आने वाले अपराध गैर-जमानती हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं इस अधिनियम के अंतर्गत आती हैं।

Back to top button