BIHAR: मुख्यमंत्री नीतीश का ‘विशेष’ दांव! कैबिनेट में 40 प्रस्तावों पर स्वीकृति..

बिहार सरकार की ओर से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया गया है। राज्य कर्मियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है। वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया गया

इमेज क्रेडिट : सोशल मीडिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 40 प्रस्तावों की स्वीकृति मिली है. इनमें से सरकारी सेवकों का महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया गया है. कुल चार फीसद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है. यानि डीए को 42 फीसद से बढ़ाकर अब 46 प्रतिशत कर दिया गया. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से स्पेशल स्टेटस का पॉलिटिकल कार्ड खेला गया है.

40 एजेंडों पर लगी मुहर में सबसे महत्वपूर्ण बात

बुधवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 40 एजेंडों पर मुहर लगी उसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव ये है कि आरक्षण से संबंधित एक्ट को संविधान की 9वीं सूची में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इससे न्यायालय का हस्तक्षेप नहीं हो सकेगा.

आवास बनाने के लिए मिलेंगे 1 लाख 20 हजार रुपये

हाल ही में जातीय गणना हुई है. इसमें लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाए गए हैं. अब राज्य सरकार उन सभी परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार के लिए किस्तों में दो लाख रुपये उपलब्ध कराएगी. 63850 आवासहीन एवं भूमिहीन को 60 हजार के बजाय अब एक लाख 20 हजार देने का निर्णय लिया गया है. राज्य में 39 हजार परिवार झोपड़ी में रहते हैं. उन्हें भी मकान बनाने के लिए 120000 देने की मंजूरी मिली है.

कैबिनेट के फैसले के बाद सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा। अर्थात इन सभी वर्गाे के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।

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