FIT JEE धोखाधड़ी मामले में ED का छापा, 250 करोड़ की ठगी का खुलासा

FIT JEE : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम में सात स्थानों पर छापेमारी की है।

FIT JEE : यह कार्रवाई प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान फिटजी से संबंधित है।फिटजी के निदेशक डी.के. गोयल के अलावा सीईओ, सीओओ और सीएफओ के आवासों तथा संस्थान के आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की गई। ईडी ने नोएडा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल और अन्य शहरों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर फिटजी और उसके वरिष्ठ प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू की है।

बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी

इन एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने छात्रों और अभिभावकों से गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सेवाएं देने के नाम पर भारी शुल्क वसूला, लेकिन इसके बदले में वादे के अनुरूप सेवाएं प्रदान नहीं की गईं और बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात तथा शैक्षणिक अनियमितताओं में लिप्त रहे।

छात्रों से लगभग 206 करोड़ रुपए वसूले

जांच के दौरान पता चला कि फिटजी ने वर्तमान बैच के छात्रों से लगभग 206 करोड़ रुपए शुल्क के रूप में वसूले, लेकिन वादे के अनुसार सेवाएं नहीं दी गईं। तलाशी के दौरान कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक 2025-26 में 9,823 छात्रों से 181.89 करोड़ रुपए वसूले गए थे। इसके बाद 2026-27 के लिए 3,316 छात्रों से 47.48 करोड़, 2027-28 के लिए 1,008 छात्रों से 17.07 करोड़ रुपए और 2028-29 के लिए 264 छात्रों से 3.76 करोड़ रुपए वसूले गए थे। कुल 14,411 छात्रों से इन चार साल के लिए 250.2 करोड़ रुपए लिए गए थे।

तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त

तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए, जिनसे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का पता चला है। आरोप है कि एकत्रित धनराशि को निजी और अनधिकृत उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया, जबकि शिक्षकों के वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया। इस धोखाधड़ी के चलते उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, नोएडा और प्रयागराज, दिल्ली, मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और इंदौर, हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम तथा मुंबई सहित 32 कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिए गए, जिससे लगभग 15,000 छात्रों और अभिभावकों को भारी नुकसान हुआ।

तलाशी के दौरान 10 लाख रुपए नकद और 4.89 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण भी जब्त किए गए। ईडी के अनुसार, प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि संस्थान ने योजनाबद्ध तरीके से छात्रों और अभिभावकों को ठगने के लिए एक संगठित साजिश रची थी।

 

 

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