
‘बाबा का ढाबा’ के कांता प्रसाद ने नींद की गोलियां खाकर की खुदकुशी की कोशिश

नई दिल्ली। पिछले साल इंटरनेट मीडिया की सनसनी बने ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कांता प्रसाद ने आत्महत्या करने कोशिश की है। सूत्रों के मुताबिक, तनाव के चलते बृहस्पतिवार रात को कांता प्रसाद ने बड़ी मात्रा में नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने कोशिश की।
इसके बाद कांता प्रसाद को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उन्हें डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा गया है।
प्राप्त समाचार के अनुसार, मालवीय नगर में बाबा का ढाबा चलाने वाले 81 वर्षीय कांता प्रसाद ने बृहस्पतिवार देर रात नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। परिवार वालों ने तुरंत उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनका उपचार चल रहा है।
दक्षिणी जिले के डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर के अनुसार, पुलिस को बृहस्पतिवार रात 11.15 बजे सफदरजंग अस्पताल से सूचना मिली कि बाबा का ढाबा चलाने वाले कांता प्रसाद ने नींद की गोलियां खा ली हैं।
फिलहाल बाबा की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किस वजह से बाबा ने यह कदम उठाया।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद ने कारोबार में हुए नुकसान के चलते आत्महत्या करने का प्रयास किया।
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा ने शराब के साथ नींद की गोलियां खाईं, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई है।
पुलिस का कहना है कि कांता प्रसाद के आत्महत्या की कोशिश की वजह अभी साफ नहीं है। उनका स्वास्थ्य सामान्य होते ही इस बाबत पूछताछ की जाएगी। पुलिस कांता प्रसाद की पत्नी और पड़ोसियों से भी पूछताछ करेगी।
बता दें, पिछले साल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद अपने आंसुओं के साथ इंटरनेट मीडिया की सनसनी बन गए।
दिल्ली के चर्चित फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने कांता प्रसाद का वीडियो बनाया था, जिसमें लॉकडाउन के कारण उनके बेबसी को दिखाया गया था।
इस वीडियो के वायरल होते ही कांता प्रसाद को लाखों की मदद मिली। उनके ढाबे पर खाना खाने वालों की लाइनें लगने लगीं। इसके बाद बाबा ने मदद के लिए मिले पैसों से एक रेस्तरां खोला,
लेकिन दोबारा कोरोना वायरस संक्रमण और फिर लॉक़डाउन ने घाटा करा दिया। हालाल इस कदर खराब हुए कि कांता प्रसाद लाखों का घाटा झेलने के बाद दोबारा ढाबा चलाने लगे।