नाडा से निलंबित होने के बाद Bajrang Punia का पलटवार, बोले- ‘अगर भाजपा से जुड़ता तो…’
Bajrang Punia: भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि नाडा के साथ मिलकर बीजेपी ने उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश की है और इसका ही नतीजा यह चार साल का बैन है।
ओलंपिक मेडलिस्ट भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी (नाडा) ने चार साल का प्रतिबंध लगाया। बजरंग पूनिया पर डोप टेस्ट का सेंपल देने से इंकार करने के कारण बैन लगाया गया। बजरंग पूनिया ने कहा कि यह हैरान करने वाला फैसला नहीं और उन्होंने सरकार पर प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया। बुधवार को दिए गए एक बयान में पूनिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई महिला पहलवानों के आंदोलन का समर्थन करने में उनकी अहम भूमिका का बदला है। पूनिया टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
बजरंग पूनिया ने निकाली भड़ास
बजरंग पूनिया ने यह भी कहा कि सरकार का उनके पीछे पड़ने का यह तरीका है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के विरोध में वह शामिल थे, जो कि भाजपा नेता हैं।
भारतीय पहलवान ने कहा, ”मुझे यह भी लगता है कि हम महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध में शामिल हुए तो उन्होंने बदला लेने की कोशिश की क्योंकि सभी एजेंसी सरकार के अंतर्गत आती हैं। मैं पिछले 10-12 साल से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और सभी टूर्नामेंट्स, भारतीय कैंप्स के दौरान अपना सैंपल दिया है। मगर सरकार का मकसद हमें तोड़ना है, उनके सामने झुकाने का है। अगर मैं भाजपा से जुड़ता तो शायद मेरे सभी बैन हट चुके होते।”
बता दें कि निलंबन का मतलब है कि बजरंग पूनिया प्रतिस्पर्धी रेसलिंग में वापसी नहीं कर सकते या फिर विदेश में कोचिंग पद के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यह प्रतिबंध 22 अप्रैल 2028 तक रहेगा।