Delhi News: ‘सुन्दरकांड पाठ’ पर ओवैसी तंज, AAP को बताया RSS का छोटा रिचार्ज

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला किया है। ओवैसी ने RSS का छोटा रिचार्ज बताकर आप पर तंज किया है। उन्‍होंने दावा किया है कि सुंदरकांड पर आप का फैसला 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्‍ठा उत्‍सव को देखते हुए लिया गया है।

इमेज क्रेडिट : सोशल मीडिया

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने RSS का छोटा रिचार्ज बता आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधा है। उन्‍होंने सुंदरकांड पर AAP के ताजा फैसले को लेकर जमकर हमला क‍िया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सुंदरकांड पाठ आयोजित करने का फैसला लिया है। ओवैसी ने दावा किया यह फैसला 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह के मद्देनजर लिया गया।

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी मंगलवार को दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सुंदरकांड पाठ कार्यक्रम आयोजित करेगी। अगले सप्ताह से हर मंगलवार को शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों और नगर निगम वार्ड सहित 2,600 स्थानों पर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ किए जाएंगे। इसके लिए आम आदमी पार्टी के भीतर एक संगठन बनाया गया है। सुंदरकांड महाकाव्य रामचरितमानस का एक अध्याय है। यह भगवान हनुमान को समर्पित है।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले हुई घोषणा
आप ने यह घोषणा 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। हालांकि, मुख्यमंत्री को कुछ दिन पहले एक पत्र मिला था जिसमें कहा गया था कि उन्हें एक औपचारिक निमंत्रण भेजा जाएगा और वह उस दिन अपना कोई और कार्यक्रम नहीं रखें।

AAP के फैसले पर ओवैसी की नाराजगी
सुंदरकांड आयोजित करने के AAP के ताजा फैसले के बाद ओवैसी खफा हो गए। उन्‍होंने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर इस फैसले को लेकर अपना गुस्‍सा जाहिर किया। उन्‍होंने कहा- आरएसएस के छोटे रिचार्ज ने फैसला लिया है कि दिल्‍ली की हर विधानसभा क्षेत्र में हर महीने के पहले मंगलवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा। ये फैसला 22 जनवरी के उद्घाटन की वजह से लिया गया।

ओवैसी ने बिल्‍किस बानो का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि ये लोग वही हैं जिन्‍होंने उस मसले पर चुप्‍पी बनाए रखी थी। यह कहा था कि वे सिर्फ शिक्षा और सेहत जैसे मसलों पर बात करना चाहते हैं।

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