हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर पेजर अटैक… एक वक्त में कैसे हुआ विस्फोट? जानें पूरी थ्योरी

इजराइल और हमास की जंग को एक साल होने जा रहा है. इस जंग में हमास के साथ उतरे तीसरे प्लेयर हिजबुल्लाह के साथ भी इजराइल का खूनी संघर्ष लंबे समय से चल रहा है. इजरायल और हमास की जंग में बीच में कूदे लेबनान और उसके हिजबुल्लाह लड़ाकों पर मंगलवार को एक नए तरह का हमला हुआ. अचानक लेबनान और सीरिया के कई शहरों में हिजबुल्ला लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हजारों पेजर फट गए. जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 4000 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं. घायलों में अधिकांश हिजबुल्लाह के लड़ाके हैं, जो इजरायल के हमले से बचने के लिए आज भी मोबाइल फोन की जगह पेजर का इस्तेमाल करते हैं।

इस हमले के नए रूप को लेकर कई तरह की थ्योरी दुनिया भर में चल रही हैं. पूरी दुनिया ये जानने के लिए उत्सुक है कि इजराइल इस फिल्मीनुमा ऑपरेशन को अंजाम देने में कैसे कामयाब हुआ. हिजबुल्लाह इजराइल की खुफिया एजेंसियों को चकमा देने के लिए कम से कम विदेशी तकनीक का इस्तेमाल करता है, इसके बावजूद ऐसा हमला हिजबुल्लाह इंटेलिजेंस की बहुत बड़ी चूक बताया जा रहा है. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि हमले को लेकर क्या क्या थ्योरी सामने आई हैं.

PETN तकनीक का इस्तेमाल
ब्रुसेल्स में मौजूद डिफेंस मामलों के जानकार इलिजाह मैग्नियर ने ‘अल जजीरा’ को बताया कि इस हमले में एक प्रकार का विस्फोटक PETN इस्तेमाल किया गया. PETN को पेजर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में लगाया गया था, जो एक हाई-लेवल टेक्नोलॉजी है और बिना किसी देश की खुफिया एजेंसी के इसका इस्तेमाल करना बेहद मुश्किल.” अपने इस तर्क के साथ मैग्नियर ने इस हमले में इजराइल के लिप्त होने की पुष्टि की है.

शिपिंग के दौरान पेजर के साथ हुई छेड़छाड़
हिजबुल्लाह ने कुछ महीनों पहले ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को पेजर्स का ऑर्डर दिया था. इन पेजर्स का शिपमेंट सीधे लेबनान नहीं जा रहा था, क्योंकि लेबनान के लिए इस तरह के उपकरण इंपोर्ट करना बैन है और इसे तीन महीने तक पास के बंदरगाह पर रोका गया. हिजबुल्लाह की जांच के मुताबिक, इसी दौरान इजराइल एजेंसी ने पेजर में विस्फोटक लगाए. दावा किया जा रहा है कि करीब 5 हजार पेजर्स में इजराइल ने विस्फोटक लगाए थे. जिसमें से लगभग तीन हजार विस्फोटक फटने में कामयाब रहे.

इजराइल ने एक वक्त में कैसे किया विस्फोट?
इजराइल ने एक समय में ये हमला कैसे किया इस सवाल पर मैग्रियर ने बताया, “उन्होंने इन पेजर्स को एक संदेश भेजा, जिसमें वाइब्रेशन के साथ तीन बार ERROR लिखा आया, जैसे ही लोगों ने इसे देखने शुरू किया, इतने में पेजर फट गया. यही वजह है कि 300 से ज़्यादा लोगों ने अपने दोनों हाथ खो दिए और कई अन्य लोगों ने एक या दो आंखें खो दीं, जबकि 150 अन्य लोगों के पेट पर गंभीर चोट आई.

पेजर में कैसे लगाया गया विस्फोटक?
कुछ सूत्रों के मुताबिक हर पेजर में बैटरी के पास एक से दो औंस (30 से 60 ग्राम) विस्फोटक लगाया गया और एक डेटोनेटर भी लगाया गया था जिसे दूर से ही चलाया जा सकता था. इसका कंट्रोल इजराइल एजेंसियों के पास होने का दावा किया जा रहा है.

इस पूरे पेजर विस्फोटों में लेबनान और सीरिया में कम से कम 11 लोग मारे जाने की खबर है और 3 हजार के करीब घायल बताए जा रहे हैं. मरने वालों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन हिजबुल्लाह को इसमें बड़ा नुकसान हुआ है. उसके लड़ाके बुरी तरह घायल हो गए हैं. किसी का हाथ कट गया है तो किसी की पेट में जख्म हो गए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक इजराइल ने नहीं ली है.

कब से हिजबुल्लाह कर रहा है पेजर्स का इस्तेमाल?
हिजबुल्लाह की खुफिया एजेंसी कई सारे काउंटरइंटेलिजेंस यंत्रों का इस्तेमाल करती है. इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और इंटरसेप्ट टेक्नोलॉजी भी है उनके पास. साल 2011 से हिजबुल्लाह सेलफोन डेटा का एनालिसिस करने की क्षमता रखती हैं. 90 के दशक में ही हिजबुल्लाह के लड़ाके अनइनक्रिप्टेड डेटा डाउनलोड करना सीख गए थे.

कहा जाता है कि रूस और उसकी जासूसी एजेंसी एफएसबी और ईरान की मदद से हिजबुल्लाह ने काउंटरइंटेलिजेंस सिस्टम डेवलप किया है. 2008 में इन्होंने माउंट सेनिन के पास संगठन ने फाइबर नेटवर्क में इजरायली बग डिटेक्ट किया था.

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