भारत से व्यापार के लिए बेकरार पाकिस्तान, एक्सपर्ट ने खोली अपने ही देश की पोल

India Pakistan Trade Relations: भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है यही कारण है दूसरे देश भी भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. हाल ही में 3 मुस्लिम देशों अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान ने भी भारत के साथ कारोबार करने की सहमति जताई है. ऐसे में उन्हें भारत के साथ जमीनी मार्ग से व्यापार करने के लिए पाकिस्तान की जरूरत नहीं पड़ेगी.

कंगाली में डूबे पाकिस्तान एक बार फिर भारत के साथ व्यापार शुरू करने के लिए छटपटा रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने साफ कर दिया है कि वार्ता, व्यापार और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। भारत ने पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया है कि जब तक आतंकवाद रहेगा, पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार नहीं हो सकता है। दरअसल, भारत एक नई रणनीति पर काम कर रहा है, जो पाकिस्तान को भरपूर नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में भारत को पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह से संबंध बनाने में कोई रुचि नहीं है। पाकिस्तानी रक्षा एक्सपर्ट का मानना है कि पाकिस्तान इस समय भारत का मुकाबला नहीं कर सकता है।

पाकिस्तान का जरूरत बना भारत
साद ने लिखा, भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों के चलते पाकिस्तान को दुनिया में किनारे करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। भारत व्यापार शुरू करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर देगा, क्योंकि अगर वह संबंध शुरू करता है तो पाकिस्तान को अलग-थलग करने के वर्षों से किए उसके प्रयास बेकार हो जाएंगे। भारत को तो पाकिस्तान से फायदा नहीं होगा, लेकिन आर्थिक रूप से तबाह पाकिस्तान को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

भारत एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति है जिसके पास व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन है। यही नहीं भूराजनीतिक, आर्थिक और सैन्य रूप से भी इस क्षेत्र पर हावी है। इसके चलते पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में अधिकांश कार्ड भारत के पास हैं। इसके उलट लगातार राजनीतिक उथल-पुथल, बदहाल आर्थिक स्थिति और चरपमंथ का समर्थन करने वाली छवि के चलते पाकिस्तान कमजोर है। यह असंतुलन भारत को बातचीत या विवाद की स्थिति में अपना पक्ष मनवाने में अधिक लाभ देता है। ऐसे में भारत के पाकिस्तान को रियायत देने की कम ही उम्मीद है।

पाकिस्तान को अब छोड़ना होगा कश्मीर का ख्वाब
कई विशेषज्ञ ये मानते हैं कि शायद चुनाव के चलते भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रस्ताव पर कोई उत्साह नहीं दिखाया है और नतीजे आने के बाद नई दिल्ली एक बार फिर पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। लेकिन साद हाफिज ऐसा नहीं मानते हैं। उनका मानना है कि भारत संभवतः चुनाव के बाद भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना जारी रखेगा। गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है कि वह भारत को विश्वास दिलाए कि वह इस बार गंभीर है। साद हाफिज का कहना है कि पाकिस्तान को अब कश्मीर को लेकर ख्वाब छोड़ने की सख्त जरूरत है। उसे स्वीकार करना होगा कि संसाधनों की कमी, कमजोर अर्थव्यवस्था और सीमित अंतरराष्ट्रीय समर्थन के चलते अब उसके लिए भारत के साथ मुकाबला करना संभव नहीं है।

भारत को नहीं परमाणु की परवाह
पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके के गिलगिट क्षेत्र से आने वाले सोहराब अब्बास का कहना है कि पाकिस्तान अब भारत पर दबाव बनाने के लिए परमाणु युद्ध का भी डर नहीं दिखा सकता है। भारत इस समय इतना मजबूत है कि वह अमेरिका समेत किसी भी दबाव के खिलाफ खड़ा हो सकता है। अगर पाकिस्तान को भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहिए तो उसे यथार्थवादी बनना होगा और समझौते करने होंगे।

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