परिवर्तिनी एकादशी पर बन रहा शुभ योग, व्रत और पूजा से मिलेगा हजारों यज्ञ का पुण्य
Ekadashi September 2024: परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि को है, जो सितंबर की पहली एकादशी है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। जानें परिवर्तिनी एकादशी व्रत का फल व पूजन का शुभ मुहूर्त-
Parivartini Ekadashi Vrat Fal and Pujan Muhurat: इस साल की परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि को है। उस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन देव की पूजा करने का विधान है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हर महीने एकादशी व्रत रखा जाता है। 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। परिवर्तिनी एकादशी को जलझूलनी एकादशी या पार्श्व एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से करवट लेते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है।
परिवर्तिनी एकादशी पर बनेंगे ये शुभ योग
रवि योग: सुबह 6 बजकर 6 मिनट से रात 8 बजकर 32 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: रात 8 बजकर 32 मिनट से 15 सितंबर को सुबह 6 बजकर 6 मिनट तक
शोभन योग: प्रात:काल से लेकर शाम 6 बजकर 18 मिनट तक
उत्तराषाढा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर रात 8 बजकर 32 मिनट तक
श्रवण नक्षत्र: रात 8 बजकर 32 मिनट से 15 सितंबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट तक.
एकादशी तिथि कब से कब तक- एकादशी तिथि 13 सितंबर 2024 को रात 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और 14 सितंबर 2024 को रात 08 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी।
परिवर्तिनी एकादशी पूजन मुहूर्त(Ekadashi September 2024)- परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:32 से सुबह 05:18 तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:40 पी एम तक रहेगा। विजय मुहूर्त- 02:19 पी एम से 03:08 पी एम गोधूलि मुहूर्त- 06:26 पी एम से 06:49 पी एम। अमृत काल- 02:25 पी एम से 03:57 पी एम तक रहेगा।
पार्श्व एकादशी व्रत का फल- मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। धन-धान्य में वृद्धि होती है। जीवन में खुशहाली आती है।
डिस्कलेमर-इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।