महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है PCOD, इलाज भी होता है मुश्किल…

महिलाओं के शरीर की बनावट काफी ज्यादा उनकी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है। महिलाओं में होने वाली पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) तेजी से बढ़ती बीमारी है। पिछले 10 सालों में बड़ी संख्या में महिलाएं इसका शिकार हुई हैं। 16 साल से लेकर 40 साल की उम्र तक महिलाओं में ये समस्या देखने को मिल रही है।

कुछ ऐसी बीमारियां जो केवल महिलाओं को ही होती है, जिसका कारण है उनके जीन्स। महिलाओं में एक बीमारी जो धीरे-धीरे काफी बढ़ती जा रही है, उसका नाम है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) PCOS या पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD)। हर दूसरी महिला इस बीमारी का सामना कर रही है। सिर्फ 30-32 साल की महिलाएं ही नहीं बल्कि यंग लड़कियां भी इस बीमारी का शिकार हो रही हैं। समाज में आगे बढ़ाने से ज्यादा जरूरी किसी भी महिला का स्वास्थ्य है। क्योंकि ज्यादातर महिलाएं स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करती हैं। और उन्हें सही इलाज मिलना भी मुश्किल रहता है। तो आईए जानते है क्या होता PCOD?

पीसीओडी की बीमारी क्यों तेजी से बढ़ रही है

हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो, पीसीओडी बीमारी होने का कोई एक कारण नहीं हो सकता है। बिगड़ा खानपान, खराब लाइफस्टाइल, मेंटल स्ट्रेस, धूम्रपान जैसी आदते इस बीमारी की खास वजह हो सकती है। पिछले कुछ सालों में महिलाओं की सोने-जागने का समय तय न होने से इसका खतरा बढ़ रहा है। कुछ मामलों में ये जेनेटिक वजह से भी हो सकती है। डॉक्टर का कहना है इस बीमारी की वजह से महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. जिससे चेहरे पर बाल आना, पीरियड पैटर्न खराब होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

PCOD- PCOS होता क्या है?

पीसीओडी या पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं के अंडाशय (Womens Ovaries) पर असर डालती है । पीसीओडी ज्यादातर हार्मोनल असंतुलन की वजह से होता है. बता दें, पीरियड साइकिल में हर महीने दोनों अंडाशय ( Ovaries) बारी-बारी से फर्टिलाइज अंडे तैयार करते हैं. हालांकि, पीसीओडी वाले किसी व्यक्ति के लिए, अंडाशय अक्सर या तो अपरिपक्व या केवल आंशिक रूप से परिपक्व अंडे छोड़ते हैं, जो सिस्ट बन जाते हैं।

PCOD की पहचान कैसे करे ?

डॉक्टरों के मुताबिक महिलाओं में पीसीओडी की समस्या की पहचान के तीन लक्षणों में से कम से कम दो नजर आ रहे हों। ये तीन लक्षण हाई एंड्रोजन लेवल, समय पर पीरियड्स का न आना और ओवरी में सिस्ट यानी गांठ पड़ना है। इसके अलावा कई टेस्ट किए जाते हैं। जिनमें कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन और ट्राइग्लिसराइड टेस्ट होते हैं। एक अल्ट्रासाउंड भी डॉक्टर करवाते हैं, जिससे अंडाशय और गर्भाशय की जांच की जाती है।

बीमारी से क्या होती है परेशानी?

इस बीमारी में कुछ-कुछ केस में प्रेगनेंसी में परेशानी होती है और बीमारी ज्यादा बढ़ जाने पर बांझपन तक की नौबत आ जाती है, चेहरे पर काफी मुंहासे हो जाते हैं। साथ ही हार्मोनल गड़बड़ की वजह से चेहरे पर काफी ज्यादा बाल बढ़ जाते हैं। वजन बढ़ना और मोटापा, पीसीओएस से पीड़ित लोगों को डायबिटीज टाइप 2, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी जैसी परेशानी हो जाती है।

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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