बिहार में लगातार पुल गिरने की घटना पर SC में जनहित याचिका दायर, विपक्ष भी हुआ हमलावर
Bihar Bridge Collapsed: बिहार में लगभग रोज क्या नए, क्या पुराने या क्या निर्माणाधीन, पुल एक-एक करके जल समाधि ले रहे हैं. बुधवार को तो हद ही हो गए जब राज्य के दो जिलों सीवान और छपरा में एक ही दिन में पांच पुल ध्वस्त हो गए. ऐसा लगता है कि पुल-पुलिया गिरने का मौसम चल रहा है.
लगातार पुल गिरने की इन घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई है. एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर राज्य में मौजूद और हाल के वर्षों में हुए छोटे बड़े पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार लगाई है.
इसके अलावा पुल सहित सरकारी निर्माण की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक नीति और उसके परिपालन के लिए गाइड लाइन तैयार करने का आदेश देने की भी गुहार लगाई गई है
विगत16 दिन में 10 पुल ढह गए
इससे पहले बुधवार को सीवान में बैक टू बैक तीन पुल ध्वस्त हो गए थे। लगातार बारिश के कारण कुछ ही घंटों में तीन पुल गिरने से कई गांवों के बीच संपर्क टूट गया है। पहली घटना महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा गांव और देवरिया गांव के बीच की है। गंडक नदी पर बना 35 साल पुराना पुल का का एक पाया धंसने लगा। देखते ही देखते पुल गंडक नदी में समा गया। दूसरी घटना महाराजगंज प्रखंड के तेवथा पंचायत की है। नौतन और सिकंदरपुर गांव के गंडक नदी पर बना पुल गिर गया। वहीं तीसरा पुल धीमही गांव में गंडक नदी में बना था। यह भी धाराशायी हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन पहले इस पुल की मरमत भी हुई थी। उसके बाद भी यह पुल टूट गया है। पानी के तेज बहाव के कारण बताया जा रहा है। हादसे के बाद कई गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है।
बता दें कि पिछले 16 दिनों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल मिलाकर 10 पुल ढह गए।
पुलों के ढहने और बहने का जिक्र
याचिका में पिछले दो सालों में दो बड़े पुलों और छोटे, मझोले कई पुलों के निर्माणाधीन या बनने के फौरन बाद गिरने, ढहने और बहने की घटनाओं का जिक्र किया गया हैं. याचिका में कहा गया है कि बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है, यहां 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 फीसद भू-भाग भीषण बाढ़ की चपेट में आता है.
याचिका में पिछले दो सालों में 12 पुलों के ढहने बहने की घटनाओं का हवाला दिया गया है. इसके साथ ही याचिका में बिहार सरकार, केंद्रीय सड़क परिवहन और उच्च पथ मंत्रालय, हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, पथ निर्माण और परिवहन मंत्रालय, पुल निर्माण निगम सहित कुल 6 पक्षकार बनाए गए हैं.
आरजेडी ने उठाया सवाल
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्व यादव ने गिर रहे पुलों पर कहा कि 4 जुलाई यानी आज सुबह बिहार में एक पुल और गिरा. कल 3 जुलाई को ही अकेले 5 पुल गिरे. 18 जून से लेकर अभी तक 12 पुल ध्वस्त हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर एकदम खामोश और निरुत्तर हैं. सोच रहे हैं कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें?
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सदैव भ्रष्टाचार, नैतिकता, सुशासन, जंगलराज, गुड गवर्नेंस इत्यादि पर राग अलपा दूसरों में गुण दोष के खोजकर्ता, कथित उच्च समझ के उच्च कार्यकर्ता, उन्नत कोटि के उत्कृष्ट पत्रकार सह पक्षकार और उत्तम विचार के श्रेष्ठ लोग अंतरात्मा का गला घोंट इन सुशासनी कुकृत्यों पर चुप्पी की चादर ओढ़ सदाचारी बन चुके हैं.
आरजेडी विधायक मुन्ना यादव ने कहा कि 1 महीने में 11 पुल गिरे हैं. कब और पुल गिर जाए पता नहीं, करोड़ों के पुल गिर रहे हैं. यहां पर हादसा होता रहता है. बाढ़ की तैयारी की समीक्षा की जाए. सरकार कुछ तैयारी नहीं कर रही है
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