PM Modi Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के पहले 7 मंदिरों में दर्शन, पीएम मोदी बने मुख्य यजमान

Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्रीराम विराजमान हो चुके हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। लेकिन उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिन का तपस्या रूपी उपवास रख पूरा अनुष्ठान के साथ कई बड़े मंदिरों की यात्रा भी की जो भगवान राम से जुड़े थे। इसके बाद 22 जनवरी को मुख्य यजमान बनकर मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की।

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अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्रीराम विराजमान हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को मुख्य यजमान बनकर मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर परिसर में मौजूद लोगों के सामने 11 दिनों का व्रत तोड़ा. पीएम नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को 10 मिनट 50 सेकेंड का एक ऑडियो मैसेज जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह ‘यम नियम’ का पालन करेंगे. 11 दिनों के उपवास के दौरान पीएम मोदी ने सात्विक भोजन किया. वह सिर्फ नारियल पानी पर रहे. अपने व्रत के दौरान पीएम मोदी जमीन पर कंबल बिछाकर सोए थे. 11 दिनों के व्रत के दौरान पीएम मोदी ने 4 राज्यों के 7 मंदिरों में दर्शन किए. 

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा- “अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे. मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्रत की शुरुआत 12 जनवरी से हुई. इसी दिन पीएम ने महाराष्ट्र के नासिक में एक रोड शो किया. फिर उन्होंने शहर के पंचवटी क्षेत्र में गोदावरी नदी के तट पर कालाराम मंदिर में दर्शन किए. प्रधानमंत्री ने ‘जल पूजन’ और ‘आरती’ की. रामभजन में भी शामिल हुए

रामायण के अनुसार भगवान राम, भगवान लक्ष्मण और देवी सीता अपने 14 साल के वनवास के 10वें वर्ष के बाद कुछ वर्षों तक गोदावरी के तट पर रहे थे.

वीरभद्र मंदिर (आंध्र प्रदेश)इसके बाद 16 जनवरी को प्रधान मंत्री की तीर्थयात्रा आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में हुई. यहां वीरभद्र मंदिर है. पीएम ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की. उनकी भक्ति में लीन तस्वीरें भी वायरल हुई थीं.

रामायण में लेपाक्षी का जिक्र मिलता है. माना जाता है कि इसी स्थान पर विशाल पक्षी जटायु ने देवी सीता को लेते जाते हुए रावण को रोका था. जटायु ने यहीं पर प्राण त्यागते हुए प्रभु श्रीराम को माता सीता के अपरहण की जानकारी दी थी. उन्हें भगवान राम ने मुक्ति प्रदान की थी.

गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर (केरल)पीएम मोदी 17 जनवरी को तीर्थयात्रा के लिए केरल पहुंचे. पीएम ने गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में दर्शन किए. प्रधानमंत्री ने त्रिशूर जिले के मध्य में स्थित गुरुवयूर में भगवान कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की.

इस मंदिर में पीएम मोदी एक्टर ने नेता बने सुरेश गोपी की बेटी की शादी में शामिल हुए. इस मौके पर मोहनलाल, ममूटी, जयराम और दिलीप समेत मलयालम सिनेमा के कई चेहरे मौजूद थे.

रंगनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु)पीएम की तीर्थयात्रा का आखिरी पड़ाव 20 जनवरी को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में रंगनाथस्वामी मंदिर में था. इसका अयोध्या से ऐतिहासिक संबंध है. ये मंदिर देश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में एक है. इस मंदिर में भगवान विष्णु की सोई हुई मुद्रा में प्रतिमा है, जिन्हें श्री रंगनाथ स्वामी के नाम से जाना जाता है. वैष्णव साहित्य के अनुसार, इस मूर्ति का संबंध अयोध्या से है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने विष्णु की प्रतिमा विभीषण को सौंपी थी और उसे इसे लंका ले जाने का निर्देश दिया था.

अरिचल मुनाई में दर्शनइसके बाद पीएम ने अरिचल मुनाई के पास समुद्र तट पर भगवान राम के मंदिर में भी पूजा की. पीएम ने यहां पुष्पांजलि अर्पित की और योग भी किया.

श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर में पूजा20 जनवरी को ही पीएम मोदी ने श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर का दौरा किया, जो धनुषकोडि और अरिचल मुनाई की ओर जाने वाले रास्ते पर है.

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