कच्चाथीवु मुद्दे पर कांग्रेस को कोस रहे PM मोदी, देश की एकता को तोड़ते रहे I.N.D.I.A ALLIANCE?
Katchatheevu Island: लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के पास पड़ने वाले कच्छतीवु द्वीप को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत की एकता को कमज़ोर किया.
बयानबाजी के अलावा, DMK ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चाथीवु पर सामने आए नए विवरणों ने DMK के दोहरे मानकों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही है। भाजपा ने कच्चाथीवु मुद्दे पर कांग्रेस और DMK को घेरने के लिए कमर कस ली है। सोमवार को विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बताया कि, ‘पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त किया गया है।’ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में कच्चाथीवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक RTI रिपोर्ट साझा करते हुए कच्चाथीवु द्वीप को लेकर कांग्रेस को घेरा था। सोमवार को उन्होंने DMK पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, ‘कांग्रेस और द्रमुक (DMK) पारिवारिक इकाइयां हैं। उन्हें केवल इस बात की परवाह है कि उनके अपने बेटे-बेटियाँ आगे बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चाथीवू पर उनकी संवेदनहीनता ने विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों और मछुआरा महिलाओं के हितों को नुकसान पहुंचाया है।’
उन्होंने कहा- “आज ही कांग्रेस का एक और देश विरोधी कारनामा सामने आया है. तमिलनाडु में समुद्री तट से कुछ किलोमीटर दूरी पर तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच में समुद्र में एक टापू है- कच्चाथीवु. ये द्वीप सुरक्षा की दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण है. ये देश की आज़ादी के समय भारत के साथ था. लेकिन चार-पांच दशक पहले इन लोगों ने कह दिया कि ये द्वीप फालतू है, ज़रूरी ही नहीं है. इस तरह इंडी अलायंस के गठबंधन के लोगों ने मां भारती का एक अंग काट दिया. ”
एस जयशंकर ने कांग्रेस और डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने कच्चातिवु मुद्दे पर ऐसा रुख अपनाया है जैसे उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा, ”तमिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन ने मुझे कई बार लिखा है. यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक आ गया है. मैंने 21 बार इस मसले पर उनका (एमके स्टालिन) जवाब दिया है.”
एस जयशंकर का आया बयान
जयशंकर ने कहा, ”कच्चातिवु द्वीप के मामले को आप पूरी तरह से नहीं जानते होंगे. मेरा कहना है कि ये मुद्दा क्यों बना और क्यों प्रांसगिक है. भारत और श्रीलंका ने 1974 में समझौता किया. मैरीटाइम सीमा के हुए इस समझौते में कच्चातिवु श्रीलंका के पास चला गया.”
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar addresses a press conference explaining the relevance of the Katchatheevu issue today
— ANI (@ANI) April 1, 2024
“in 1974, India & Sri Lanka concluded an agreement where they drew a maritime boundary, and in drawing the maritime boundary Katchatheevu was put on the Srilankan… pic.twitter.com/MHpzQWsMAZ
क्या बोली डीएमके और कांग्रेस?
डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है. डीएमके ने द्वीप को 1974 में श्रीलंका को दिये जाने का विरोध किया था. वहीं कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी चीन की घुसपैठ’ पर जवाब दें.