‘मिशन’ कुवैत के लिए रवाना हुए PM Modi… हो सकती है नए अध्याय की शुरुआत
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को कुवैत राज्य के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी की कुवैत यात्रा कई मायनों में बेहद खास होने वाली है। 43 साल बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत की धरती पर कदम रखेंगे।
कुवैत के दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा कुवैत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगी और उन्होंने कुवैत के क्राउन प्रिंस से मिलने की उत्सुकता व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय ने किया ट्वीट
पीएम मोदी की कुवैत यात्रा पर ट्वीट करते हुए विदेश मंत्रालय ने लिखा कि भारत और कुवैत के बीच अच्छे रिश्ते हैं। इसकी जड़ें इतिहास में हैं। भारत कुवैत के बड़े ट्रेड पार्टनर्स में से एक है। कुवैत में भारतीय प्रवासी काफी अधिक हैं। ऐसे में पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने का काम करेगी।
Today and tomorrow, I will be visiting Kuwait. This visit will deepen India’s historical linkages with Kuwait. I look forward to meeting His Highness the Amir, the Crown Prince and the Prime Minister of Kuwait.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2024
This evening, I will be interacting with the Indian community and…
क्यों खास है कुवैत?
बता दें कि कुवैत GCC (Gulf Cooperation Council) का हिस्सा है। GCC देशों की फेहरिस्त में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, कतर और ओमान का नाम भी शामिल है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी कुवैत को छोड़कर सभी GCC देशों का दौरा कर चुके हैं। 2022 में पीएम मोदी कुवैत जाने वाले थे, लेकिन कोविड महामारी के कारण यह यात्रा रद्द कर दी गई थी।
कुवैत की धरती पर 43 वर्ष बाद उतरेंगे भारत के पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला कुवैत का दौरा होगा। बता दें कि इससे पहले 1981 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी कुवैत गई थीं। तब से किसी प्रधानमंत्री ने पद पर रहते हुए कुवैत का दौरा नहीं किया है।
भारत-कुवैत के बीच रहा उत्कृष्ट सम्बन्ध
भारत और कुवैत के बीच राजनयिक संबंध 1961 में स्थापित हुए. भारत ने कुवैत की स्वतंत्रता को सबसे पहले मान्यता दी थी. दोनों देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार और सांस्कृतिक क्षेत्रों में लंबे समय से सहयोग रहा है. कुवैत भारत के लिए तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और 1961 तक भारतीय रुपया कुवैत में चलन में था.
भारत के साथ शुरू होगा नया अध्याय
क्राउन प्रिंस माननीय प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज का आयोजन करेंगे. प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत में एक नया अध्याय खुलने और द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण की उम्मीद है.
यह न केवल मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगा बल्कि भविष्य के सहयोग के लिए नए रास्ते भी खोलेगा, हमारे साझा मूल्यों को मजबूत करेगा और भविष्य के लिए एक मजबूत और अधिक गतिशील साझेदारी का निर्माण करेगा. इससे भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.
कुवैत में एक श्रमिक शिविर में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए चटर्जी ने कहा, “भारत सरकार विदेश में रहने वाले सभी श्रमिकों के कल्याण को काफी महत्व देती है. कुवैत में हमारा समुदाय लगभग दस लाख का है…श्रम शिविर की यात्रा का उद्देश्य यह व्यक्त करना है कि भारत सरकार हमारे उन श्रमिकों को कितना महत्व देती है जो एक विदेशी देश में काम कर रहे हैं…
पीएम मोदी का शेड्यूल
कुवैत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी एक श्रमिक शिविर का दौरा करते नजर आएंगे। साथ ही वो 26वें अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन में बतौर चीफ गेस्ट शिरकत करेंगे। कुवैत के अमीर ने पीएम मोदी को इस समारोह में आमंत्रित किया है।
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