Political Crisis: हिमाचल में 6 कांग्रेसी विधायक अयोग्य घोषित, विधान सभा अध्यक्ष ने सुनाया फैसला
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. बीते दिनों राज्यसभा चुनाव में हुई वोटिंग के बाद चर्चा में आए थे ये MLA.
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद जो सियासी तूफान घमासान मचा है, वो फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. पूर्ण बहुमत में होने के बावजूद कांग्रेस को यहां राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उसके 6 विधायकों ने पाला बदल लिया. हालांकि विधायकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है और स्पीकर ने सभी की सदस्यता रद्द कर दी.
आपको बता दें कि स्पीकर का यह फ़ैसला तब आया है, जब इसी हफ़्ते मंगलवार को राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के इन छह विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था.
ये छह विधायक हैं- सुजानपुर से विधायक रजिंदर राणा, धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, बड़सर से विधायक इंद्रदूत लखनपाल, लाहौल और स्पिति से विधायक रवि ठाकुर, गगरेट से विधायक चैतन्य शर्मा और कुटलेहड़ से विधायक दविंदर भुट्टो.
स्पीकर ने बताई यह वजह
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिकायत की थी कि कांग्रेस के इन छह विधायकों ने पार्टी विप का उल्लंघन किया है.
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, ”इन विधायकों ने विधानसभा में दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बजट सत्र के दौरान दो बार इन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया.”
सीएम सुक्खू ने बागियों पर कही ये बात
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि पार्टी के सभी साथी नेता उनके छोटे भाई-बहनों की तरह हैं। कांग्रेस ‘माफी’ में विश्वास करती है, किसी से ‘बदला’में नहीं। सीएम सुक्खू ने सौहार्दपूर्ण बयान उस समय आया है जब बीजेपी के कुछ विधायक उनको बतौर मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहते। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के कुछ विधायक हिमाचल में मुख्यमंत्री बदलता चाहते हैं। पत्रकारों से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार लोगों के जनादेश का सम्मान करती है और पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सीएम सुक्खू ने संवाददाताओं से कहा, “हम तो सबको माफ करने वाले लोग हैं, हम बदले की भावना से काम करने वाले लोग नहीं हैं।