Emergency: राजनेताओं के ‘पिन ड्रॉप साइलेंस’ पर भड़कीं कंगना, शेयर किया पोस्ट
Emergency: निर्माता-निर्देशक अभिनेत्री कंगना रनौत की हालिया रिलीज ‘इंमरजेंसी’ का पंजाब के साथ ही लंदन में भी विरोध देखने को मिला। सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर अभिनेत्री भारतीय राजनेताओं की चुप्पी की आलोचना करती नजर आईं।
Emergency: देश में खास कर पंजाब में ही नहीं विदेशों में भी कंगना रनौत (Kangna Ranaut )की बहुचर्चित फिल्म “Emergency”फिल्म का विरोध हो रहा है। ब्रिटेन में ‘Emergency’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय अभिनेत्री ने ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन का एक वीडियो एक्स हैंडल पर साझा करते हुए भारतीय राजनेताओं पर निशाना साधा। पोस्ट के साथ अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, “ब्रिटिश सांसद ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए आवाज उठाई। वहीं, भारतीय राजनेताओं और नारीवादियों ने चुप्पी साध रखी है।
स्क्रीनिंग के दौरान विवाद
कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने शुक्रवार को इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने सरकार से मामले में दखल देने की मांग की। बॉब ब्लैकमैन के मुताबिक, ‘इमरजेंसी’ देखने पहुंचे लोगों को धमकाया गया। उल्लेखनीय है कि लंदन में कई जगह ‘इमरजेंसी’ दिखाई जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने फिल्म देख रहे दर्शकों को डराया और धमकी दी। मामले को लेकर विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ब्रिटेन की सरकार से दखल देने की मांग की है।
बॉब ब्लैकमैन उत्तर-पश्चिम लंदन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और कथित खालिस्तान समर्थकों ने इसी इलाके के लोगों को फिल्म देखने पर धमकी दी। जानकारी के अनुसार, ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग के दौरान सिनेमाघर में घुस आए थे। वहीं, विवाद को देखते हुए ‘इमरजेंसी’ को व्यू और ‘सिनेवर्ल्ड’ सिनेमा चेन ने ब्रिटेन के कई सिनेमाघरों से हटाने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ को भारत के पंजाब में भी विरोध का सामना करना पड़ा था। देश में 1975-77 के दौरान लगाए गए आपातकाल पर बनी फिल्म का निर्देशन भी कंगना रनौत ने ही किया है। उन्होंने इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। पंजाब में फिल्म को लेकर हुए विरोध को लेकर कंगना रनौत का हाल ही में बयान सामने आया था। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर अभिनेत्री ने विरोध को “कला और कलाकार का उत्पीड़न” बताया था। –आईएएनएस एमटी/एकेजे