पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट से भारत पर असर ?
रूसी विदेश मंत्रालय ने पहले ही पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि रूस रोम स्टेट्यूट का हिस्सा नहीं है.
वारंट पर कार्रवाई नहीं है जरूरी
हालांकि जानकारों का मानना है कि भारत की G20 मेजबानी पर इन दबावों के बावजूद नीदरलैंड के हेग स्थित ICC से जारी गिरफ्तारी वारंट उसके लिए कोई खास अहमियत नहीं रखता. इस वारंट पर अमल के लिए उस पर कोई दबाव नहीं होगा क्योंकि भारत खुद भी ICC व्यवस्था को स्थापित करने वाले रोम स्टेट्यूट का हिस्सा नहीं है. साथ ही युद्ध और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को शामिल न करने के मुद्दे पर ही ऐतराज जताते हुए भारत ने रोम स्टेट्यूट पर जून-जुलाई 1998 में हुए मतदान में भाग नहीं लिया था. ऐसे में भारत पर ICC के ऐसे किसी वारंट पर कार्रवाई न तो बाध्यकारी है और न जरूरी.
इतना ही नहीं, ICC की प्रक्रिया में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी सर्वोच्च क्रियान्वयन संस्था बनाए जाने का हामी नहीं है. बीते दिनों सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य रहते हुए भी भारत ने रूस के खिलाफ यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका,ब्रिटेन समेत स्थाई सदस्य पश्चिमी देशों की तरफ से लाए गए प्रस्तावों पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. वैसे भी अमेरिका,रूस, चीन जैसे सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में से तीन देश ICC के रोम स्टेट्यूट का हिस्सा नहीं हैं.